|धमारा से राजीव सिंह की रिपोर्ट|
वर्ष 1981 की याद ताजा करते एक बार फिर बिहार के
सहरसा रेलखंड पर धमारा स्टेशन पर हुई ट्रेन दुर्घटना से पूरे सूबे में शोक की लहर
फ़ैल गई है. घटना आज सुबह 09:10 बजे की है जब धमारा स्टेशन पर एक पैसेंजर ट्रेन लगी
हुई थी और सावन की अंतिम सोमवारी होने के कारण लोग वहीँ कात्यानी स्थान जाने के
लिए पटरी पार करने की अफरातफरी में थे. वहीं कई लोग ऐसे भी थे जो स्टेशन पर जगह कि कमी के कारण उस खाली पटरी पर खड़े थे और उन्हें ये अनुमान नहीं था कि कोई ट्रेन अचानक भी इस पटरी पर आ सकती है. उसी समय द्रुत गति से सहरसा से पटना की ओर
जा रही राज्यरानी एक्सप्रेस बिना सीटी बजाये पटरी पार करते कई लोगों को कुचलती
थोड़ी दूर पर रुक गई. अब तक मिली जानकारी के अनुसार ट्रेन से कटकर 37 लोगों की मौत हो गई है जबकि पचास से अधिक लोग घायल है. घायलों का इलाज समुचित ढंग से नहीं होने की वजह से मृतकों की संख्यां और बढ़ सकती है. बता दें कि राज्यरानी
एक्सप्रेस का स्टॉपेज धमारा स्टेशन पर नहीं है.
हादसे के बाद वहां की स्थिति काफी तनावपूर्ण हो गई और लोगों ने ट्रेन के दोनों ड्राइवरों
समेत कुछ और रेलवे कर्मचारियों को बंधक बना लिया और
उनके एक
ड्राइवर की पीट कर हत्या भी कर दी.
इस भयानक हादसे के बाद आक्रोशित कांवड़ियों के साथ ही स्थानीय
लोगों ने राज्यरानी एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन और कुछ डिब्बे के अलावा वहां
पहले से खड़ी पैसेंजर ट्रेन के डिब्बों
में आग लगा दी.
अधिकाँश
लोगों का मानना है
कि सावन की
आखिरी सोमवार को धमारा घाट स्टेशन पर लोगों की भारी भीड़ स्वाभाविक थी. ऐसे में स्थानीय प्रशासन और रेलवे को विशेष
सावधानी बरतने की आवश्यकता थी. लोग इसे स्थानीय प्रशासन और रेलवे दोनों की गलती
मानते हैं. वहीं रेल राज्य
मंत्री अधीर रंजन चौधरी का कहना है कि ये हादसा लोगों की लापरवाही और स्थानीय
प्रशासन की अनदेखी की वजह से हुआ है.
राज्यरानी एक्सप्रेस बनी हत्यारिन: 37 लोगों को काटा
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
August 19, 2013
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सुनने में ये भी आया है कि लोग पटरी पर खरा हो के train को रोकने का प्रयास कर रहे थे। यह बात विश्वास करने लायक नहीं है कि track cross करने में ३७ लोगों की मौत हो जाए।
ReplyDeleteजो भी हो घटना हिर्दय विदारक है।