वि० सं०/31/12/2012
दिनदहाड़े बीच शहर में हथियार से लैश अपराधी औए एक
अकेले आदमी का उससे भिड जाना. आज शहर में व्यवसायी राज कुमार के हौसले की चर्चा
है. जबकि अपराधियों की नजर में व्यवसायी कमजोर दिल वाला होता है और वे सोचते हैं
कि सिर्फ तमंचे दिखा भर देने से उनकी घिग्ही बंद जायेगी और मनमानी करते वे निकल
जायेंगे. पब्लिक का क्या है, कौन दूसरे के लफड़े में पड़ना चाहता है. शायद नए वर्ष को
गुलजार करने के ही उद्येश्य से आज बिनोज यादव, सनातन यादव, संजीव कुमार तथा एक अज्ञात
अपराधी बीच शहर में वारदात को अंजाम देने आये थे.
पर
लूट का शिकार बनने और मिहनत की कमाई कुछ ही पलों में खोना व्यवसायी राजकुमार को गंवारा
नहीं हुआ. और फिर परिणाम तीन अपराधियों की पब्लिक द्वारा पिटाई उनके वर्ष 2012 को ऐसा
खराब किया कि अगर वे जिन्दा बच जाते हैं तो इस मनहूस घड़ी को याद करके सिहरते रहेंगे.
जाहिर
सी बात है यदि व्यवसायियों में राज कुमार जैसी हिम्मत आ जाये तो अपराधियों में पुलिस
से ज्यादा आम जनता का खौफ समा सकता है, क्योंकि ये बात सब जानते हैं कि आक्रोशित आम
जनता बिकती नहीं है.
राज कुमार जैसी हिम्मत सबमें हो तो अपराधी के हौसले होंगे पस्त
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 31, 2012
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