वि० सं०/26/12/2012
गत 23 दिसंबर को मधेपुरा थानाक्षेत्र के बड़ी दुर्गा
स्थान साहुगढ़ में भरी पंचायत में मार-पीट और गोलीबारी के मामले पर विवाद गहराता
ही जा रहा है. दोनों पक्ष एक-दूसरे पर आरोप लगा रहे है और इन सबके बीच सच अब तक
छुपा हुआ ही नजर आ रहा है.
घटना
के फ्लैशबैक में जाने पर पता चलता है कि दोनों पक्ष जयकांत साह और राजेन्द्र साह
में जमीन का विवाद काफी पुराना है जबसे राजेन्द्र साह ने जयकांत की कुछ जमीन को
सम्बंधित कार्यालय में फर्जीवारा कर अपने नाम से करवा बेचना शुरू कर दिया था. पर
हाल में 16 दिसंबर को बात उस समय काफी बढ़ गयी जब जयकांत के विरोध करने पर
राजेन्द्र साह और उसके पुत्र रंजीत, मंजीत और संजीत साह ने हथियार के साथ आकर जयकांत
साह के पूरे परिवार को जान से मार देने की धमकी दी थी. जयकांत साह ने जब इस
सम्बन्ध में आवेदन मधेपुरा थाना को दिया तो पुलिस ने पंचायत द्वारा फैसला करवाने
की सलाह देकर राजेन्द्र साह व उनके पुत्रों को बॉण्ड पर छोड़ दिया था. वैसे यहाँ
पुलिस की लाचारी भी थी क्योंकि जमीन सम्बंधित मामलों में पुलिस के हाथ बंधे होते
हैं पर यदि इससे जुड़े आपराधिक कृत्य होते हैं तो पुलिस मामले को दर्ज तो कर ही
सकती है.
पंचायत
की बात पर जब वर्तमान मुखिया, पूर्व मुखिया, वर्तमान एवं पूर्व सरपंच व बड़ी संख्यां में लोग बड़ी
दुर्गास्थान साहुगढ़ में बैठे तो पंचों ने राजेन्द्र साह को यह कहकर जमीन बेचने से
मना किया कि इस सम्बन्ध में न्यायालय में लंबित वाद का फैसला आने दिया जाय. इस पर
राजेन्द्र ने कहा कि पंच का फैसला मानने लायक नहीं है और वह खुद फरिया लेने में
सक्षम है. बस बात यहीं से बढ़ी और सभा में उपस्थित कुछ दबंग किस्म के लोगों ने
राजेन्द्र साह और उसके बेटों को सबक सिखाने का भी प्रयास किया. पर उपस्थित कुछ
बुद्धिजीवियों ने मामले को शांत करा दिया.
बताते
हैं कि इसी बीच राजेन्द्र साह की पत्नी नीलम देवी ने मधेपुरा के एसपी को फोन पर
कहा कि उसके पुत्र का अपहरण पूर्व मुखिया आलोक कुमार मुन्ना ने कर लिया है. नीलम
ने फोन पर हुई बातचीत को रिकॉर्ड कर लिया था जिसकी जानकारी पंचो को हो गयी थी. बस
इसी बात पर पंच भड़क गए और राजेन्द्र साह और उसके बेटे के साथ पंचायत में उपस्थित
कुछ लोगों ने मारपीट कर दी.
बाद
में राजेन्द्र साह की पत्नी नीलम देवी ने पुलिस में जयकांत साह व उनके बेटों (जिनमें
शम्भू साह को पुलिस ने बाद में गिरफ्तार कर लिया) के खिलाफ पुलिस में मारपीट और
गोलीबारी का मुकदमा करा दिया. जबकि सूत्रों का मानना है कि झड़प के दौरान राजेन्द्र
साह के दूसरे पुत्र मंजीत साह ने ही डराने के लिए शम्भू साह की माँ पर गोली चलाई
थी जिसका खोखा पुलिस को सौंप दिया गया था. पंचायत के उनलोगों पर जिन्होंने मारपीट
नहीं की थी पर मुकदमा न कर जयकांत साह पर मुकदमा करने के पीछे का कारण यह माना
जाता है कि मारपीट करने वाले लोग राजेन्द्र साह पर हमेशा भारी हैं जिनसे दुश्मनी
मोल लेना राजेन्द्र को महंगा पड़ सकता था और इसी मुक़दमे के बहाने राजेन्द्र साह ने जयकांत
साह के परिवार को मुक़दमे में उलझा देना बेहतर समझा.
साहुगढ़
के अधिकाँश लोगों का मानना है कि राजेन्द्र साह मुकदमेबाज किस्म का व्यक्ति है और
बेटों के बल पर किसी से भी उलझने में उसे कोई भय नहीं होता. पूर्व में भी एक घटना
में उसके एक विरोधी ने उसे बुरी तरह मारकर फेंक दिया था जिसमें किसी तरह उसकी जान
बची थी.
अब
देखना है कि पुलिसिया जांच इस मामले में किस दिशा में जाती है ?
साहुगढ़ के पंचायत गोलीकांड पर विवाद गहराया
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 26, 2012
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