घोटालों और गबन में डूबा मधेपुरा का बी.एन.मंडल
विश्वविद्यालय एक बार फिर से सुर्ख़ियों में आ गया है. और इस बार की स्थिति बेहद
शर्मनाक है. कल तक जो विश्वविद्यालय के विद्वान माने जाने वाले प्रशासक लोग थे आज
अवकाशप्राप्त करने के बाद उनसे ही काम करने के लिए घूस मांगे जा रहे हैं. और काम
भी कुछ और नहीं बल्कि अपने पुनरीक्षित वेतन के भुगतान के लिए पहले तो इन्हें
विश्वविद्यालय प्रशासन काफी दिनों से परेशान करता रहा और अब आरोप है कि बी.एन. मंडल
विश्वविद्यालय के वित्त पदाधिकारी (फायनांस ऑफिसर) राज किशोर प्रसाद सिन्हा इन
सारे अवकाशप्राप्त शिक्षकों से काम करने के लिए 6 लाख रूपये मांग रहे हैं. 

आरोप
लगाते हुए पूर्व कुलानुशासक डा० शिव नारायण यादव ने बताया कि पुनरीक्षित वेतनमान
के आधार पर उनलोगों को पेंशन देने का आदेश हो गया है पर यहाँ इसके लिए पैसे मांगे
जा रहे हैं. पूर्व रजिस्ट्रार डा० सचिंद्र महतो ने बताया कि सूचना के अधिकार के
तहत मिली जानकारी के अनुसार एफओ (फायनांस ऑफिसर) राजकिशोर प्रसाद सिन्हा का पूर्व
में किया गया सस्पेंशन अभी तक नहीं टूटा है और वे पैसे के बल पर अपने पद पर काबिज
हैं.
उधर
एफओ (फायनांस ऑफिसर) राजकिशोर प्रसाद सिन्हा ने जहां उनपर लगाये आरोपों को
बेबुनियाद बताया वहीं वर्तमान रजिस्ट्रार डा० गणेश प्रसाद ने कहा कि उन्हें इस बात
की जानकारी नहीं है कि किसने किससे और कहाँ घूस माँगा और रिटायर्ड शिक्षकों को
पुनरीक्षित वेतनमान के अनुसार वेतन मिलने में लगे अड़ंगे की सूचना कुलपति को दे दी
गई है.
शर्मनाक ! मंडल विश्वविद्यालय के एफओ ने माँगा छ: लाख घूस !
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
December 26, 2012
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