कैसे मनाया जाएगा सिंघेश्वर महोत्सव, जब हो इतनी बाधाएं ?

नि० प्र०/05/10/2012
पिछली 29 तारीख को सुपौल जाने के क्रम में बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने सिंघेश्वर मंदिर में पूजा अर्चना की और एक विचार दे डाला कि भारत प्रसिद्द सिंघेश्वर मंदिर में सिंघेश्वर महोत्सव का आयोजन होना चाहिए. मुख्यमंत्री का निर्देश निश्चय ही इस क्षेत्र में पर्यटन को बढ़ावा देने के साथ और भी विकास के रास्ते खोल सकते हैं.
            पर सिंघेश्वर मंदिर के आधारभूत समस्याओं पर यदि एक नजर डाला जाय तो वर्तमान परिस्थिति में यहाँ सिंघेश्वर महोत्सव मनाना एक असफल प्रयास जैसा दीखता है. मंदिर परिसर के बाहर की बात करें तो सिंघेश्वर बाजार अक्सर जाम के कारण कुव्यवस्थित रहता है. ऐसे में यदि यहाँ महोत्सव आयोजित किया जाता है तो देश के अलग अलग हिस्सों से आने वाले श्रद्धालुओं को खासी परेशानी का सामना करना पड़ सकता है. मंदिर परिसर की गंदगी और कुव्यवस्था भी मंदिर का एक ऋणात्मक पहलू है. सबसे बुरी स्थिति तो परिसर स्थित शिवगंगा तालाब की है. पूर्व के एक अनुमंडलाधिकारी ने इसे जीर्णोद्धार के नाम पर तुड़वा डाला था. तबसे यह मरम्मत की बाट जोह रहा है. कई लोग इस टूटे शिवगंगा को हत्यारिन पोखर भी कहने लगे हैं. गत वर्षों में इसके टूटे होने के कारण इसमें डूब कर कई बच्चों की मौत भी हो चुकी है.
            ऐसे में जब तक मंदिर, आसपास व सिंघेश्वर बाजार की स्थिति को सुधारने के प्रयास नहीं किये जाते हैं तब तब सिंघेश्वर महोत्सव मनाना बेमानी होगा.
कैसे मनाया जाएगा सिंघेश्वर महोत्सव, जब हो इतनी बाधाएं ? कैसे मनाया जाएगा सिंघेश्वर महोत्सव, जब हो इतनी बाधाएं ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 05, 2012 Rating: 5

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