क्या सिंघेश्वर मंदिर ट्रस्ट बन चुकी लूट-खसोट का अड्डा ?

 राकेश सिंह/04 जुलाई 2012
सावन का माह शुरू हो गया है और मंदिर की व्यवस्था अभी तक बदतर है.सफाई नदारद, रंग-रोगन भी नहीं.भगवान शंकर के बिहार के सबसे बड़े धर्मस्थल पर ट्रस्ट क्या कर रहा है, ये आम आदमी को भले नहीं पता हो,पर जानने वाले तो यही कहते हैं कि सिंघेश्वर मंदिर न्यास परिषद् की कार्यशैली संदेह के घेरे में हैं.मालूम हो कि सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति की आमदनी बिहार में महावीर मंदिर के बाद दूसरा स्थान रखता है.बता दें कि 2011 में जब सावन की तीसरी सोमवारी को बिहार धार्मिक न्यास परिषद् के अध्यक्ष आचार्य किशोर कुणाल सिंघेश्वर आये थे तो उन्होंने भी ये बात कही थी कि सिंघेश्वर मंदिर न्यास परिषद् में जमा पैसे से जनकल्याणकारी संस्था बनाये जायेंगे तथा  मंदिर को और भी विकसित किया जाएगा.पर लगभग एक साल बीतने को है और मंदिर की स्थिति पिछले साल की तुलना में ज्यादा ही खराब दिखती है.
   सिंघेश्वर मंदिर के विकास में कई वर्षों से सहयोग करने वाली एक संस्था संत शिरोमणि बाबा लक्ष्मीनाथ गोसाईं श्रद्धालु संघ मधेपुरा के अध्यक्ष डा० नलिन निश्चल तो मंदिर के ट्रस्ट पर सीधा आरोप लगाते कहते हैं कि महासेतु बनने के बाद यहाँ श्रद्धालुओं की संख्यां बढ़ी है परन्तु यहाँ सफाई के नाम पर कुछ भी नहीं है.मंदिर परिसर में भी गंदगी है.वे कहते हैं कि ट्रस्ट के सदस्य यहाँ दादागिरी करते हैं और चाहते है कि पहले उनकी पूजा हो तब कोई काम हो.ये आरोप लगाते हैं कि पिछली बार हमारी तरफ से कुछ पंखे भी लगाये गए थे जो इसबार गायब हैं और उनका कोई अता पता नहीं है.
  यहाँ एक बड़ा सवाल यह उभरता है कि सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति का जब बिहार का दूसरा सबसे अधिक धन कमाने में नाम आता है और इसकी जांच बिहार धार्मिक न्यास परिषद् कर सकती है तो फिर आखिर कौन सी ऐसी मजबूरी है कि इसके पैसे से मंदिर तक का विकास नहीं हो पा रहा है.ऐसे में कई लोगों की यह बात कि सिंघेश्वर मंदिर न्यास समिति लूट-खसोट का अड्डा बन चुकी है, से इनकार करना मुश्किल लग रहा है.
क्या सिंघेश्वर मंदिर ट्रस्ट बन चुकी लूट-खसोट का अड्डा ? क्या सिंघेश्वर मंदिर ट्रस्ट बन चुकी लूट-खसोट का अड्डा ? Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 05, 2012 Rating: 5

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