यूरिया फैक्ट्री खेत में ही पायें

 आरिफ आलम/२८ मार्च २०१२
प्रखंड मुख्यालय चौसा में हुए आज गरमा मूंग महोत्सव २०१२ में कृषि वैज्ञानिकों ने खेत में ही यूरिया फैक्ट्री पाने के उपायों पर चर्चा की.आत्मा मधेपुरा द्वारा आयोजित इस महोत्सव में बड़ी संख्यां में मौजूद किसानों को संबोधित करते हुए कृषि विभाग मधेपुरा के वैज्ञानिक डा० सुनील कुमार सिंह ने कहा कि अप्रैल माह में खेतों में ढैंचा या मूंग लगाएं और जुलाई में यूरिया पायें.श्री सिंह ने कहा कि इससे दलहन फसल की प्राप्ति तो होगी ही, इसके अलावे खेतों में स्वत: यूरिया की मात्रा इतनी बढ़ जायेगी कि अलग से फसल में रासायनिक उर्वरक देने की जरूरत ही नहीं पड़ेगी.इतना ही नहीं, खेतों की शक्ति भी क्षीण नहीं होगी.ये प्राकृतिक यूरिया कृत्रिम यूरिया से हरेक तरह से अधिक लाभप्रद होगा.उन्होंने कहा कि किसान अपने-अपने प्रखंड के कृषि विभाग से ९० प्रतिशत अनुदानित दर पर मूंग के बीज प्राप्त कर सकेंगे.
    इस महोत्सव में आने वाले महीने में आम और लीची में होने वाली बीमारी और उससे बचने के उपायों पर भी चर्चा की गयी.इस मौके पर जिला कृषि सलाहकार मिथिलेश कुमार, प्रखंड कृषि सलाहकार व कई जनप्रतिनिधि भी उपस्थित थे.
यूरिया फैक्ट्री खेत में ही पायें यूरिया फैक्ट्री खेत में ही पायें Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 28, 2012 Rating: 5

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