बिहार प्रगतिशील लेखक संघ ने हिन्दी के वरिष्ठ कथाकार और मार्क्सवादी चिंतक विद्यासागर नौटियाल और उर्दू के मशहूर शायर अखलाक मोहम्मद खान ‘शहरयार’ के निधन पर गहरा शोक व्यक्त किया है। बिहार प्रलेस के अध्यक्ष डा. व्रजकुमार पाण्डेय एवं महासचिव राजेन्द्र राजन ने संयुक्त वक्तव्य में कहा कि साहित्य के इन दो शख्सियतों के गुजर जाने से प्रगतिशील रचनाधर्मिता को आघात पहुँचा है। वे जनता के लेखक व जनस्वर के पैरोकार थे। उनकी लेखनी स्वंतःसुखाय न होकर सामाजिक प्रतिवद्धता व वैचारिक परिवर्तन का आगाज करती है। उन्होंने अभिव्यक्ति को नए अंदाज में नई ऊँचाई दी।
बिहार प्रलेस की विभिन्न इकाईयों यथा पटना, मुजफ्फरपुर व बेगूसराय में भी इन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी गयी है। पटना से कवि शहंशाह आलम, मुजफ्फरपुर से डा. पूनम सिंह, रमेश ऋतंभर, डा. पुष्पा गुप्ता एवं बेगूसराय से नरेन्द्र कुमार सिंह की अनिल पतंग ने शोक सभा के आयोजन की जानकारी दी।
बिहार प्रलेस की विभिन्न इकाईयों यथा पटना, मुजफ्फरपुर व बेगूसराय में भी इन्हें विनम्र श्रद्धांजलि दी गयी है। पटना से कवि शहंशाह आलम, मुजफ्फरपुर से डा. पूनम सिंह, रमेश ऋतंभर, डा. पुष्पा गुप्ता एवं बेगूसराय से नरेन्द्र कुमार सिंह की अनिल पतंग ने शोक सभा के आयोजन की जानकारी दी।
- डा.अरविन्द श्रीवास्तव
मीडिया प्रभारी सह प्रवक्ता, बिहार प्रलेस
मोबाइल- 09431080862.
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नौटियाल और शहरयार के निधन से बिहार प्रलेस मर्माहत
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
on
February 15, 2012
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