सरकार की नीतियों के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया काम-काज ठप्प

संवाददाता/२० जनवरी २०१२
केन्द्र सरकार के दो बिल के विरोध में आज मधेपुरा जिला अधिवक्ता संघ ने न्यायिक कार्यों का बहिष्कार कर अपना विरोध प्रकट किया.जिला अधिवक्ता संघ के सैंकड़ों अधिवक्ताओं ने न सिर्फ अपने को न्यायालय के काम-काज से दूर रखा,बल्कि केन्द्र सरकार को उनकी इन नीतियों पर कोसते हुए नारेबाजी भी की.
  जिला अधिवक्ता संघ से सचिव जवाहर झा ने सरकार की इन नीतियों पर मधेपुरा टाइम्स को विस्तार से बताते हुए कहा कि केन्द्र सरकार के द्वारा लाये गए दो बिल यदि क़ानून बना दिए जाते हैं तो यह अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता पर कुठाराघात होगा.पहला बिल Legal Practitioners Regulation Bill 2011 है जिसके तहत एक बोर्ड बनाये जाने का प्रावधान होगा.इस बोर्ड में सरकार के द्वारा प्रबुद्ध जनों को सदस्य बनाये जायेंगे जो अधिवक्ताओं के लिए नियम तय करेंगे.इन प्रबुद्ध जनों में किसी अधिवक्ता को न रखना दुर्भाग्यपूर्ण है और ये सरकार की मंशा पर संदेह उत्पन्न करता है.
   दूसरा बिल National Commission for Higher Education & Research Bill  है जिसमे Legal Education को भी शामिल किया जा रहा है.इससे भी अधिवक्ताओं की स्वतंत्रता पर ख़ासा प्रभाव पड़ सकता है.श्री झा ने आगे बताया कि इन बिलों की सबसे बड़ी खामी ये है कि ये Bar Council of India  के दिशानिर्देश को पूरी तरह समाप्त कर देगा,जो अधिवक्ताओं के काम को नियंत्रित कर उनकी स्वतंत्र आवाज को दबाने का काम करेगा.
     व्यवहार न्यायालय के अधिवक्ताओं ने कहा कि यदि सरकार इन काले बिलों को वापस नहीं लेती है तो हमारा आंदोलन और भी तेज होगा.दूसरी तरफ अधिवक्ताओं द्वारा न्यायिक कार्यों से खुद को अलग रखने से न्यायालय में कोई काम-काज नहीं हो पाया और दूर-दराज से आने वाले मुवक्किलों को भी भारी परेशानी झेलनी पड़ी.
सरकार की नीतियों के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया काम-काज ठप्प सरकार की नीतियों के खिलाफ अधिवक्ताओं ने किया काम-काज ठप्प Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 20, 2012 Rating: 5

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