एक रंगकर्मी की मौत? कृतराज के गायब होने के मामले ने पकड़ा तूल

कृत की कमी खल रही लोगों को
 बंटी सिंह/१७ अक्टूबर २०११
युवा रंगकर्मी कृतराज के पिछले साल २२ अगस्त २०१० से गायब रहने का मामला अब गंभीर हो चुका है.ये बात भी अब पूरी तरह साफ़ है कि प्रेम प्रसंग के इस मामले में अभी कई रहस्यों पर से पर्दा उठना भी बाक़ी है.
   क्या है कृतराज का मामला? आइये पहले एक नजर इस पूरे मामले पर डालते हैं.:मधेपुरा निवासी रंगकर्मी कृतराज मधेपुरा के ही स्टाम्प वेंडर गोपाल मुखिया का पुत्र है(था),जो प्रसिद्ध नाट्य संस्था इप्टा का एक बेहतरीन कलाकार था.कोसी महोत्सव में कृतराज को रंगकर्म के क्षेत्र में गोल्ड मैडल भी प्राप्त हुआ था.बताया जाता है कि मंडल विश्वविद्यालय में एनएसएस के एक कार्यक्रम के दौरान कृत की मुलाक़ात हिना नामकी एक लड़की से होती है.वहीँ दोनों में आँखे चार होती है और फिर दोनों के बीच प्रेम सम्बन्ध स्थापित हो गए.हिना के पिता बिहारीगंज में जनरेटर के व्यवसाय से जुड़े हैं.नजदीकी सूत्रों का मानना है कि दोनों की बातचीत मोबाइल के जरिये होने लगी.हिना के पास अपना मोबाइल नहीं रहने के कारण कृत हिना को उसके पिता के मोबाइल पर ही फोन किया करता था.बताया जाता है कि पिता को इसकी भनक लगी और एक दिन पिता ने ही कृत के द्वारा किये गए फोन को रिसीव किया और कृत को जमकर फटकार लगाई.हिना उस समय बीमार चल रही थी.सूत्र के मुताबिक हिना के पिता ने जब ये कहा कि हिना अब इस दुनियां में नहीं है,और अब तुम कभी उसको फोन मत करना,तो कृत बेचैन हो उठा.२२ अगस्त का वह दिन कृत के लिए मनहूस साबित हुआ,जब कृत हिना से मिलने बिहारीगंज चला गया.और फिर उस दिन के बाद से कृत का कोई अता पता नहीं है.
  पुत्र के लापता होने कि खबर पाकर पिता गोपाल मुखिया ने पुलिस को इसकी सूचना दी और आरोप लगाया कि उसे संदेह है कि हिना के परिवारवालों ने उसके पुत्र की हत्या कर लाश को गायब कर दिया है.अनुसंधान शुरू हुआ,पर बताया जाता है कि पुलिस ने हिना के परिवारवालों के दवाब में आकर मामले में सुस्ती बरती और तत्कालीन एसपी वरुण कुमार सिन्हा ने तो रिपोर्ट II में सभी आरोपित को क्लीन चिट ही दे दी.चर्चा तो इस बात की भी है कि मधेपुरा के कुछ कथित मारवारी जिनकी पहुँच सत्ता के ऊँचे लोगों  तक मानी जाती है ने भी इस मामले को रफादफा करने में हिना के पिता की मदद की.पुत्र की मौत हुई मानकर गोपाल मुखिया ने थक हार कर पिछले दिनों डीजीपी अभयानंद के दरबार में गुहार लगाई.याचना रंग लाई और डीजीपी ने बंद हो चुके केस को री-ओपन करने का आदेश दे दिया.इसके बाद अनुसन्धान का क्रम फिर से तो शुरू हुआ,पर जानकारों का मानना है कि पूर्व में बंद हो चुके केस को इस तरह से पुलिस ने तोड़-मरोड़ कर रख दिया है कि अब हिना के परिवारवालों को बचाने के लिए किसी और के गले भी आरोप मढ़ा जा सकता है.
   प्राप्त जानकारी के अनुसार हिना को जब अनुसंधान के क्रम में पिछले ३० सितम्बर को पुलिस द्वारा कलकत्ता से मधेपुरा लाया गया तो हिना ने कृत के साथ अपने प्रेम सम्बन्ध को स्वीकार तो किया ही और ये भी बताया कि कृत से उसकी अंतिम मुलाक़ात बेतिया में हुई थी.पुलिस ने पूछताछ के कई पहलूओं पर अभी भी पर्दा गिरा रखा है.ये भले उनकी रणनीति हो सकती है,पर जाहिर तौर पर इस मामले पर सच जानने का अधिकार मधेपुरा की जनता को तो है ही.
    उम्दा कलाकार कृतराज के गायब होने को मधेपुरा के लोग उसकी हत्या का मामला तो मान ही रहे हैं,पर इसकी जांच आगे क्या रंग लाती है,कहना मुश्किल है.कृत को लेकर मधेपुरा सुलगने लगा है.पुलिस की नाकामी के विरोध में यहाँ चरणबद्ध प्रदर्शन भी हो रहे है.प्रदर्शनकारियों ने यहाँ तक धमकी दी है कि मामले को यदि जल्द नहीं सुलझाया गया तो वे आत्मदाह तक करेंगे.हालांकि पुलिस का सत्ता के लोगों के दवाब में आना कोई नई बात भी नहीं है पर मधेपुरा के वर्तमान एसपी गोपाल प्रसाद ने यह आश्वासन दिया है कि मामले को वह स्वयं देख रहे हैं और सच जल्द ही सामने होगा.
एक रंगकर्मी की मौत? कृतराज के गायब होने के मामले ने पकड़ा तूल एक रंगकर्मी की मौत? कृतराज के गायब होने के मामले ने पकड़ा तूल Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on October 19, 2011 Rating: 5

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