करोड़ों की रेलवे स्लीपर फैक्ट्री हुआ जंग के हवाले

कब हो सकेगा उद्धार ?
रूद्र ना० यादव/१४ अगस्त २०११
भारतीय रेल के सौजन्य से इरकॉन द्वारा निर्मित कंक्रीट रेलवे स्लीपर फैक्ट्री मंत्रालय की नीति से अपने हाल पर आंसू बहा रहा है.मालूम हो कि वर्ष २००३ में जब इस फैक्ट्री के खुलने की घोषणा हुई तो इलाके के लोगों ने ये सोचकर प्रसन्नता व्यक्त की थी कि अब शायद इस क्षेत्र में रोजगार के भी नए अवसर खुलेंगे. दौरम मधेपुरा रेलवे स्टेशन के पास १६ एकड़ की जमीन में उस समय लगभग सात करोड़ रूपये इस कंक्रीट रेलवे स्लीपर फैक्ट्री के नाम लगाए गए थे.पर इस फैक्ट्री में निर्माण का काम शुरू न हो सका.अन्य मामलों की तरह रेलवे की उपेक्षा ने इस इलाके के लोगों को इस मामले पर भी ठगने का काम किया.हाँ, बीच-बीच में अफवाहें जरूर उड़ाती जाती रही हैं कि जल्द ही इस फैक्ट्री में काम शुरू होगा और हजारों लोगों को रोजगार के अवसर प्राप्त होंगे.यहाँ स्थापित करोड़ों रूपये की मशीन जंग के हवाले कर दी गयी हैं.
   देखा जाय तो मधेपुरा में रेल सेवा पूरी तरह बदहाल है.रेल मंत्रालय ने मधेपुरा को सदा से उपेक्षा का शिकार तो बनाया ही है,इस इलाके के जनप्रतिनिधियों ने भी यहाँ रेलवे की हालत सुधारने अथवा इस रेलवे स्लीपर फैक्ट्री को चालू करवाने हेतु कोई प्रयास नही किया नहीं तो यह क्षेत्र और विकसित हो सकता था.
करोड़ों की रेलवे स्लीपर फैक्ट्री हुआ जंग के हवाले करोड़ों की रेलवे स्लीपर फैक्ट्री हुआ जंग के हवाले Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on August 14, 2011 Rating: 5

1 comment:

  1. hume aap se umeed hai es ke liye jo v responsiblehai unke bare me bateye chahe wo hamare MP he kyu na ho.kab tak lalu je ka naam leke bachte rahenge.sabhi to ek dusare ko blame karke hum madhepura wali ke emotion se khelte hai.stop this type of gatiya things.make strong and develop madhepura.

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