रूद्र ना० यादव|१४ अगस्त २०११
भारत सरकार के श्रम मंत्रालय द्वारा संचालित बीड़ी मजदूर कल्याण अस्पताल मधेपुरा के लापता होने की सूचना है.मधेपुरा के सांसद शरद यादव जब श्रम मंत्री हुआ करते थे तो उन्होंने विशेष प्रयास कर मधेपुरा में बीड़ी मजदूर कल्याण अस्पताल खुलवाया था.प्रारंभिक दौर में ये अस्पताल शरद यादव के ही आवास में मात्र एक रूपये महीना किराया पर चल रहा था और इसके साथ ही इसका कार्यालय भी अवस्थित हुआ करता था.इस अस्पताल का उद्देश्य बीड़ी मजदूरों के हित में हुआ करता था,यथा बीमार बीड़ी मजदूरों की मुफ्त में चिकित्सा यहाँ तक कि बीड़ी मजदूरों की गणना कर उसके परिवार के सदस्यों का आकलन कर उनके बच्चों तक को पढाई के लिए छात्रवृत्ति प्रदान करना था.पर जब शरद यादव ने श्रम मंत्रालय छोड़ा तो बीड़ी मजदूर कल्याण अस्पताल खुद बीमार हो गया.कुछ दिनों के बाद जब लोगों का ध्यान इस अस्पताल की ओर गया तो ये अस्पताल अपने कार्यालय समेत वहां से गायब हो चुका था.चर्चा थी कि ये किसी भाड़े के मकान में शिफ्ट कर गया है.बीड़ी मजदूर समेत अन्य लोग समझा नहीं पा रहे थे कि ये कहाँ चला गया.
पर अब जब आरटीआई कार्यकर्ता अंगद यादव ने श्रम मंत्रालय से सूचना के अधिकार के तहत इस कार्यालय का वर्तमान पता मंगवाया तो ये काफी चौंकाने वाला था.भारत सरकार ने सूचना दी वर्तमान में ये अस्पताल वार्ड नं०.१३, जयपालपट्टी में अवस्थित है और इसमें एक डॉक्टर, एक कम्पाउंडर, एक चपरासी और एक रात्रिप्रहरी भी कार्यरत हैं.हैरानी की बात ये है कि जयपालपट्टी में रहने वाले लोग भी हैरान हैं कि आखिर ये उनके मुहल्ले में किस भवन में चल रहा है?लोगों का कहना साफ़ है कि बीड़ी मजदूर कल्याण अस्पताल के नाम पर कुछ लोगों की पौ-बारह है.सिर्फ कागज़ पर चलने वाले इस अस्पताल के डॉक्टर,कम्पाउंडर व अन्य कर्मचारी घर में सोये वेतन सहित अन्य सुविधा डकार रहे होंगे.इधर जिले में बदहाली की जिंदगी जी रहे बीड़ी मजदूरों को देखने वाला अब शायद कोई नहीं.
कहाँ गया बीड़ी मजदूर कल्याण अस्पताल ?
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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August 14, 2011
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