ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया...

दिलफेंक दारोगा शादी रचाकर हुआ रफूचक्कर

आशिक-दिलफेंक दारोगा प्रिंस
पंकज कुमार भारतीय/१३ जुलाई २०११
पिछले २८ अप्रैल को सुपौल के मेला रोड में छातापुर में पदस्थापित एक प्रशिक्षु दारोगा प्रिंस कुमार अपने निजी आवास पर अपनी प्रेमिका प्रिया के साथ जब रंगे हाथ पकड़ा गया था तो लोगों की भीड़ इस पर आक्रोशित हो गयी थी.दारोगा प्रिंस ने उस आक्रोश से बचने के लिए बिलकुल ही सिनेमाई अंदाज में वार्ड नं०-२ की प्रिया कर्ण की मांग में सिन्दूर भर दिया था.लोगों ने तब तो इस पर संतोष जताया था, पर शादी के एक दिन बाद ही प्रिया को छोड़कर प्रिंस के फरार हो जाने से मामला पूरी तरह बिगड़ गया और प्रिया धोखे का शिकार हो गयी.
           धोखाधड़ी के मामले को लेकर दारोगा प्रिंस के खिलाफ प्रिया के परिजनों ने मुकदमा दर्ज करवाने के लिए थाने और एसपी ऑफिस के कई चक्कर लगाए लेकिन पुलिस हमेशा से प्रिंस को बचाने की जुगत में भिड़ी रही.११ जुलाई को जब प्रिया की माँ रेखा देवी ने सीजेएम सुपौल के यहाँ परिवाद
संख्यां ५३१/२०११ दायर की तो सुपौल पुलिस की आँखें खुली.मामला का पता चलते ही पुलिस ने आनन-फानन में सुपौल थाना कांड संख्यां-२२८/२०११ अंतर्गत धारा ४९३, ४९६, ४९८ ए तथा ५०६ के तहत  दर्ज कर लिया. प्रिया की ओर से दाखिल आवेदन में प्रशिक्षु दारोगा सहित उसके दो भाइयों पर भी धोखाधड़ी के आरोप लगाए गए हैं.कहा गया कि प्रिया के साथ जबरदस्ती किये जाने के समय सामाजिक हस्तक्षेप के बाद दोनों की शादी कराई गयी थी,लेकिन एक दिन बाद ही प्रिंस अपनी पत्नी को छोड़कर भाग गया है. दूसरी ओर दारोगा प्रिंस द्वारा अज्ञात नंबरों से दूरभाष द्वारा प्रिया एवं उसके परिजनों को जान से मारने की धमकी दी जा रही है, जबकि सुपौल पुलिस कह रही है कि प्रिंस का कुछ अता-पता नही है.सुपौल के एसपी विनोद कुमार इस मामले पर कहते हैं कि घटना के बाद दारोगा को निलंबित कर दिया गया है और फिलहाल वह बिना सूचना के ही जिला मुख्यालय से फरार है.       
        दारोगा प्रिंस पूर्णियां जिले के श्रीनगर थाने के जगेली गाँव का रहने वाला बतलाया जाता है.लेकिन आशिकाना मिजाज के प्रिंस की खासियत यह रही है कि हर अलग-अलग लड़की के पास इसका स्थाई पता और इसकी जाति बदल जाती थी.सूत्र बताते हैं कि प्रिंस के दर्जनों लड़कियों से दिलदा मामला था.अपनी प्रेमिकाओं से पूरी-पूरी रात मोबाइल पर बात करना इसकी फितरत में शामिल था.कुल मिलाकर उसकी यह आदत थी कि जब भी कोई लड़की देखूं, मेरा दिल दीवाना बोले..ओले, ओले-ओले....लेकिन प्यार में धोखा खायी प्रिया कहती है कि उसे न्याय मिलना चाहिए.
      पैसे और पैरवी की इस दुनियाँ में प्रिया को कितना न्याय मिल पाता है यह तो आने वाला वक्त ही बतलायेगा,लेकिन एक बात स्पष्ट है कि शादी कोई गुड्डे-गुड़ियों का खेल नही और ज़माने की रफ़्तार के साथ चल रही लड़कियों को प्यार के शॉर्टकट रास्ते से भी बचना चाहिए क्योंकि यह वह प्यार नही जो सोहिनी ने महिवाल से, हीर ने रांझा से और लैला ने मजनू से किया था.
ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया... ए मुहब्बत तेरे अंजाम पे रोना आया... Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 13, 2011 Rating: 5

No comments:

Powered by Blogger.