रूद्र नारायण यादव/१० अप्रैल २०११
सुनील के संग सात फेरे लेने वाली मुन्नी ने कभी नही सोचा था कि उसका पति एक दिन फेरों का फर्ज इस तरह निभाएगा कि मुन्नी की जान जाते-जाते बचेगी.पुरैनी थाना के रौता गाँव की मुन्नी अभी सदर अस्पताल सहरसा में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.पति सुनील यादव भी अपनी वाजिव जगह यानी सलाखों के पीछे है.पुरैनी थाना के रौता गाँव की मुन्नी का ब्याह जब उदाकिशुनगंज के सुनील यादव के साथ हुई थी तब सबों ने सात फेरों के बीच दोनों के सुखद वैवाहिक जीवन की मंगल कामना की थी.पर नियति को ये मंजूर नही था.और फिर उस रात सुनील के क्रूर हाथों ने जो कृत्य किया,मुन्नी अब उसे चाहकर भी जिंदगी भर नही भुला सकेगी.
घटना इसी शुक्रवार की रात की है.उदाकिशुनगंज का सुनील इस क्रूर वारदात को अंजाम देने अपने ससुराल रौता पहुंचा.रात में खाना खाने के बाद जब सोने का समय आया तो सुनील ने कमरे को बंद कर लिया.भोली मुन्नी समझी कि शायद उसका पति अब उसे प्यार करेगा.पर जैसे ही सुनील ने कमरे में छिपा कर रखे थ्रीनट और गड़ासे को बाहर निकाला मुन्नी को पति के इरादे समझ में आने लगे.मुन्नी जब तक कुछ सोचती पति सुनील ने गड़ासे का वार मुन्नी के गर्दन पर कर दिया.मुन्नी की चीख इतनी ऊँची थी कि घरवाले दौड़ कर मुन्नी को बचाने आ गए.सुनील ने भागना चाहा,पर सबने मिलकर दबोच लिया.सुनील के पास से थ्री नट, गोली और गड़ासे को छीन लिया गया.पुरैनी पुलिस ने सुनील यादव को भादवि की धारा ३०७ के तहत जेल भेजा और मुन्नी को मधेपुरा अस्पताल ने सहरसा रेफर कर दिया.
चिकित्सक के अनुसार गड़ासे के वार से गर्दन की मांस कटी है और नस सुरक्षित हैं.खतरा है पर जान बच सकती है.अस्पताल में पड़ी मुन्नी पति के इस कृत्य से अचंभित है कि सात फेरों के वादों को पति ने इस तरह निभाने का क्यूं प्रयास किया.
पत्नी के गर्दन पर चलाया गड़ासा:मौत से लड़ रही मुन्नी
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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April 10, 2011
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