दरोगा जी ! थोडा ताव तो कम कीजिए...

राकेश सिंह/२८ जनवरी २०११ 
जुम्मा-जुम्मा आठ दिन हुए इनको दरोगा के पद पर बहाल हुए.लोग बताते हैं कि ये एक प्रशिक्षु दरोगा था.मामला कोर्ट गेट के पास का है.न्यायालय की एक कार लेकर ड्राइवर पदाधिकारी को लाने  निकला था.गेट के पास ही दरोगा जी  भी धुन में अपनी मोटरसायकिल से आ रहे थे.कार से सामने दरोगा की मोटरसायकिल आई तो ड्राइवर शिवपूजन ने कहा कि भाई थोडा उधर से निकल जाइए.दरोगा जी ने शायद हाल में ही दबंग फिल्म देखी थी.ताव में आ गए,बोला तुम गाड़ी सामने से हटाकर बगल से ले जाओ.ड्राइवर ने समझाना

चाहा तो दरोगा जी ने इसे भी कॉलर पकड़कर  कर अपने अंदाज में समझाना चाहा.फिर  क्या था,हो गयी गुत्थमगुत्थी और दरोगा ने निकाल ली अपनी सर्विस रिवाल्वर.तान कर बोले,"साले इतनी गोली मारूंगा कि
कन्फ्यूज हो जायेगा @###$%.तब तक पास खड़े अन्य लोगों तथा पुलिस वालों की नजर हो रहे इस झंझट पर
पड  गयी थी.सबने मामले को शांत किया.दरोगा जी फिर बैठे अपनी मोटरसायकिल पर और स्टाइल में चलते बने.
      ये बात आयी गयी नही थी.मामले की गंभीरता को अगर समझें तो यहाँ कुछ भी हो सकता था.जो हथियार इन पुलिसवालों को जनता की रक्षा के वास्ते दिया जाता है उसका ये गंभीर दुरूपयोग है.और ऊपर से सामने न्यायालय की गाड़ी हो तो ये स्पष्ट हो जाता है इस साहबजादे को न्यायालय के प्रति कितना सम्मान है.
दरोगा जी ! थोडा ताव तो कम कीजिए... दरोगा जी ! थोडा ताव तो कम कीजिए... Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on January 28, 2011 Rating: 5

6 comments:

  1. शिकायत क्यूँ इसे कहते हो ये फितरत है इंसान की
    मुसीबत में ख़याल-ए-ऐश-ए-रफ्ता आ ही जाता है
    समझती हैं माल-ए-गुल में क्या ज़ोर-ए-फितरत है
    सहर होते ही कलियों को तबस्सुम आ ही जाता है
    Daroga ji is not to blame, the signal is from the top. What can we say than..
    तर निवाले खुशामद के जो खा रहे हैं वो मत खाइए
    आप शाहीन बन जायेंगे आब-ओ-दाना बदल दीजिये

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  2. है ग़लत गर गुमान में कुछ है
    तुझ सिवा भी जहान में कुछ है.

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  3. I dont kno whre tgese people get training...God save this country..

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  4. आपका ब्लाग मुझे बहुत पसन्द आया ।

    धन्यवाद

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  5. ye sali nokri v kya chij hai

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  6. Bhai kya kehna inn police walaun ka, inki toh gundagardi pe koi control bhi nahin laga sakta.
    Aise hi Gwalpara police station mein bhi ek jamadar sb hain jo hamesha sirf paise ki baat karte hain. Inn sriman ka naam hai B B Singh. Ye jab tak Rs.500/- ka ek note dekh nahin lete baat hi nahin karte. aur agar FIR likhwani ho toh kam se kam Rs.5000/- ka intezaam karna hoga kam se kam.
    Innke liye ye baat koi mayene nahin rakhti k aap lut gaye hain yaa kisi nihsahay aurat ka rape hogaya hai. bas ek hi funda hai inka Rs. 5000/- do tabhi report likhenge, Rs. 10000/- doge toh action hoga.
    Na koi jaat na koi dharam bus ye rupye ko pehchante hain.

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