रूद्र नारायण यादव/२२ नवंबर २०१०
ये बात करीब निश्चित है कि दहेज के लोभी दहेज के लिए दबाव उस जगह डालते है जहाँ लड़की का बाप कुछ देने की स्थिति में हो चाहे वो कुछ बेच कर ही क्यों ना लड़के वालों का मुंह भरे.यानी कहा जा सकता है कि दहेज की कुप्रथा आमतौर पर मध्यम वर्गीय या उच्च वर्गीय परिवार में सर्वाधिक व्याप्त है.परन्तु मधेपुरा जिले में दहेज के लिए एक ऐसी हत्या हुई है जिसने
सबके रोंगटे खड़े कर दिए.इस बार दहेज के लिए ह्त्या की शिकार बनी रबीता के पिता के पास रबीता के चंडाल पति सत्तन मंडल को देने के लिए सायकिल की भी औकात मुश्किल से ही थी और लोभी भेडिये ने माँगा मोटरसायकिल .हाल में ही तो जब रूपौली,पुर्णिया से रबीता की डोली नौगछिया बासा,आलमनगर,मधेपुरा के लिए उठी थी तो पिता बेदानंद मंडल ने अपनी क्षमता से बढ़कर दहेज में गाय,बकरी, एक बछड़ा और पांच हजार रूपये दिए थे.जिंदगी के सुनहरे सपनों को संजोते रबीता घर में ठीक से बसी भी नही थी कि पति सत्तन मंडल अब मोटरसायकिल की जिद पर उतर गया.इसी बीच रबीता गर्भवती भी हो गयी.रवीता का पिता असहाय सा अपनी गरीबी की दुहाई सत्तन को देने लगा.बच्चे का ख्वाब देखते रबीता ने भी पति को लाख समझाया पर लोभ विवेक पर हावी हो गया और बीती रात पति सत्तन मंडल ने निर्दयता पूर्वक अपनी पत्नी मासूम रबीता की गला दबा कर ह्त्या कर दी.हत्या करने के बाद सत्तन वहाँ से भाग निकला.रबीता के घरवालों का रोते-रोते बुरा हाल है.इलाके में इस घटना को लेकर लोग सन्न हैं.पुलिस ने तो मुकदमा दर्ज कर लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद पिता को सौंप दिया है.पर एक बड़ा सा सवाल अभी भी मधेपुरा के लोगों के बीच कायम है कि ये दहेज की आग कब बुझेगी तथा और कितनी मासूम रबीता इस आग की भेंट चढेगी?
सबके रोंगटे खड़े कर दिए.इस बार दहेज के लिए ह्त्या की शिकार बनी रबीता के पिता के पास रबीता के चंडाल पति सत्तन मंडल को देने के लिए सायकिल की भी औकात मुश्किल से ही थी और लोभी भेडिये ने माँगा मोटरसायकिल .हाल में ही तो जब रूपौली,पुर्णिया से रबीता की डोली नौगछिया बासा,आलमनगर,मधेपुरा के लिए उठी थी तो पिता बेदानंद मंडल ने अपनी क्षमता से बढ़कर दहेज में गाय,बकरी, एक बछड़ा और पांच हजार रूपये दिए थे.जिंदगी के सुनहरे सपनों को संजोते रबीता घर में ठीक से बसी भी नही थी कि पति सत्तन मंडल अब मोटरसायकिल की जिद पर उतर गया.इसी बीच रबीता गर्भवती भी हो गयी.रवीता का पिता असहाय सा अपनी गरीबी की दुहाई सत्तन को देने लगा.बच्चे का ख्वाब देखते रबीता ने भी पति को लाख समझाया पर लोभ विवेक पर हावी हो गया और बीती रात पति सत्तन मंडल ने निर्दयता पूर्वक अपनी पत्नी मासूम रबीता की गला दबा कर ह्त्या कर दी.हत्या करने के बाद सत्तन वहाँ से भाग निकला.रबीता के घरवालों का रोते-रोते बुरा हाल है.इलाके में इस घटना को लेकर लोग सन्न हैं.पुलिस ने तो मुकदमा दर्ज कर लाश को अपने कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम कराने के बाद पिता को सौंप दिया है.पर एक बड़ा सा सवाल अभी भी मधेपुरा के लोगों के बीच कायम है कि ये दहेज की आग कब बुझेगी तथा और कितनी मासूम रबीता इस आग की भेंट चढेगी?
मानवता को शर्मशार करने वाली दहेज हत्या !
Reviewed by Rakesh Singh
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November 22, 2010
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