जेल – आनंद मोहन
जो अपना हक लुटते देख भी विवश हो, जो अस्मत लुटने पर भी अवश हो, वह बेचारा ‘ कमजोर ’ है. जो पेट की आग बुझाने, कुछ सेर अनाज च...
मधेपुरा टाइम्स -
March 31, 2013
जेल – आनंद मोहन
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March 31, 2013
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