इस मामले को लेकर जेलर श्री गुप्ता स्थानीय डीएम और एसपी को लिखित आवेदन देकर अपनी जान की सुरक्षा और न्याय की गुहार लगाया है। आरोप लगाया जा रहा है कि मंडल कारा के अंदर विशेष कदियों को जेल सुप्रीटेंडेंट संजय कुमार के द्वारा विशेष सुविधा मुहैया करवाई जाती है और अन्य कदियों के साथ दुर्व्यवहार किया जाता है। इतना ही नहीं राशन सामग्री के नाम पर भी गलत बिल भी बनाया जाता है. इस बात का विरोध जेलर संजय कुमार गुप्ता और जेल मे पदस्थापित डॉक्टर सुशील कुमार सहनी के द्वारा की जाती रही है, जिस कारण जेलर व डॉक्टर का आपसी विवाद जेल सुप्रीटेंडेंट संजय कुमार के साथ पिछले कई माह से चला आ रहा है।
हालांकि जेलर श्री गुप्ता खुद कैमरे पर आने से बचते हुए बताया कि जेल के अंदर जेल अधीक्षक संजय कुमार के द्वारा मनमानी की जाती है, साथ ही कथित कैदी के साथ विशेष रूप से विशेष सुविधा दी जाती है और अन्य कैदियों के साथ अमानवीय व्यवहार किया जाता है। जिसका हम लोग विरोध करते हैं तो जेल अधीक्षक श्री कुमार को नागवार लगता है जिस कारण हमें भी काफी टॉर्चर करते हैं और फोन पर भद्दी भद्दी गाली गलौज भी किया जाता है. मुझे काफी परेशान किया जा रहा है, लिहाजा मुझे पूर्व मे हार्ट एटेक भी हो चुका है. हालांकि हम लोगों ने इस मामले को लेकर डीएम और एसपी से मिलकर उक्त अधीक्षक के विरुद्ध आवेदन दिया है। साथ ही उचित जाँच कर न्याय की गुहार भी लगाया है।
वहीं जेल मे पदस्थापित डॉक्टर सुशील कुमार सहनी ने बताया कि विवाद का कारण वित्तीय अनियमितता है. जबरण अनाप सनाप बिल पर हस्ताक्षर का दबाव डाला जाता है जो नहीं करने पर हम लोगों को जेल अधीक्षक के द्वारा टॉर्चर किया जा रहा है. अन्य कर्मचारी भी खासे परेशान हैं. जेल में कैदियों को ठीक से पौष्टिक आहार भी नहीं मिलता है. कैदी कमजोर होकर बीमार हो जाते हैं तो सारा माजरा हमारे ऊपर आ जाता है।
वहीं जेल सुप्रीटेंडेंट संजय कुमार ने बताया कि इस तरह की कोई बात नहीं है. जाँच की जा रही है. जाँच के बाद सब कुछ सामने आ जाएगा। बहरहाल इस मामले को लेकर डीएम तरणजोत सिंह ने बताया कि इस गंभीर मामले मे त्रिस्तरीय जाँच कमिटी का गठन किया गया है बहुत जल्द जाँच के बाद मामला स्पष्ट हो जाएगा।
बहरहाल इस मामले मे डीएम तरणजोत सिंह ने जाँच कमिटी गठन की है, जांच की प्रक्रिया चल रहा है. जाँच के बाद ही मामले का कोई खुलासा हो पाएगा,आखिर जेलर व चिकित्सक और जेल अधीक्षक के बीच चल रही विवाद का क्या मामला है और कौन दोषी हैं?

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