वहीं कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए NSUI जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि मौलाना अबुल कलाम आजाद ने जहां देश की आजादी में अपना अतुलनीय योगदान दिया. वहीं आजादी के बाद देश के प्रथम शिक्षा मंत्री बनकर शिक्षा के क्षेत्र में बहुत ही महत्वपूर्ण कार्य किए. उन्होंने सभी बच्चों के लिए निःशुल्क और अनिवार्य शिक्षा की वकालत की. उन्होंने बालिका शिक्षा, कृषि और तकनीक शिक्षा पर जोड़ दिया. देश के प्रति उनके अंदर अथाह प्रेम एवं राष्ट्रनिर्माण में उनके योगदानों को देखते हुए उन्हें भारतरत्न के सम्मान से सम्मानित भी किया गया है.
जिलाध्यक्ष निशांत यादव ने कहा कि वो भारत के विभाजन के कट्टर विरोधी थे और हिन्दू-मुस्लिम एकता के लिए उन्होंने बहुत प्रयास किए. आज जहां राष्ट्रवाद की बात करने वाले आरएसएस और भाजपा जैसे राजनीतिक संगठन और उनके नेता सत्ता और स्वार्थ के लिए देश को तोड़ने पर आमादा रहते हैं. ऐसे लोगों को मौलाना अबुल कलाम आजाद साहब के विचारों और उनके जीवनी को पढ़ना चाहिए. जब तक सभी धर्म-संप्रदाय और जातियों में आपसी भाईचारा, प्रेम मुकम्मल रूप में नहीं रहेगा तबतक भारत मजबूत नहीं हो सकता. मौलाना साहब के विचारों को जन-जन तक पहुंचाने की जरूरत है क्योंकि आज राष्ट्रप्रेम और राष्ट्रवाद को लेकर भ्रामक परिभाषाएं गढ़ी जा रही है जो राष्ट्रहित में नहीं है.
कार्यक्रम में मुख्य रूप से एनएसयूआई जिला सचिव सोनू कुमार, प्रखंड संयोजक रणधीर कुमार, मनीष कुमार, सदरे आलम, शाहनवाज आलम, एभी यादव, रजनीश कुमार, सुधांशु कुमार, अमन कुमार समेत दर्जनों एनएसयूआई कार्यकर्ता मौजूद थे.

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