रबी फसल को लेकर कृषि वैज्ञानिकों के द्वाराबिहार की लगभग 70 प्रतिशत आबादी अपनी जीविका के लिए कृषि पर आश्रित है। उन्होंने चेताया कि पंजाब की तरह अत्यधिक उर्वरक का प्रयोग न करें। पंजाब में अत्यधिक रसायनिक उर्वरक का प्रयोग करने से भूमि की उर्वरता काफी कम हो गई है तथा फसल भी रोग जनित उत्पादित हो रहा है। खेती से वंचित भूमि पर फलदार वृक्ष लगाकर कृषकों की आय में वृद्धि तथा अधिक रोजगार का सृजन कराएं। उपस्थित किसानों को जानकारी दी गई।
कृषि वैज्ञानिक डॉ अनिल कुमार ने रबी मौसम बुआई की जाने वाली फसल मक्का, गेहूं, दलहन, तिलहन आदि खेतों के तौर तरीके बताए तथा साथ ही साथ अन्य कृषि संबंधित योजनाओं की जानकारी दिया। उन्होंने कहा कि जैविक खेती और रसायनयुक्त खेती में अंतर बताते हुए कहा कि समय के अनुसार किसानों को खेती की प्रक्रिया बदलनी चाहिए ताकि किसानों को अधिक लाभ मिल सके और स्वास्थ्य पर बुरा असर ना पड़े।
रबी मौसम में खेती व अन्य कृषि कार्य से संबंधित प्रखंड स्तरीय कर्मी एवं कृषको को विभाग द्वारा संचालित कार्यक्रम एवं उनके लक्ष्य की जानकारी के साथ साथ प्रशिक्षण दिया. मौके पर कृषि समन्यवयक प्रवीण कुमार व मंटू कुमार, प्रखंड तकनीकी प्रबंधक जयकुमार भारतीय, एटीएम अमित कुमार समेत सैकड़ों किसान मौजूद थे।
 
        Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 16, 2024
 
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