इस दौरान बालक एवं बालिकाओं के बीच कुर्सी रेस, चम्मच रेस, सुई-धागा, जलेबी दौड़, सेब दौड़, रस्सी कूद, दौड़ प्रतियोगिता के साथ-साथ कई प्रतियोगीता का आयोजन किया गया। सभी प्रतियोगिता में प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान प्राप्त करने वाले बालक एवं बालिकाओं को प्रमाण पत्र, बेग एवं मेडल से सम्मानित किया गया। साथ ही कन्या जन्म को प्रोत्साहित करने हेतु पांच कन्या शिशु के माताओं को जिला प्रशासन द्वारा गिफ्ट एवं बधाई संदेश देकर सम्मानित किया गया तथा बालिकाओं को प्राथमिक स्वास्थ केंद्र, गम्हरिया के ए.एन.एम द्वारा माहवारी स्वछता के बारे मे विस्तृत रुप से जानकारी देते हुए जागरुक किया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए प्रखंड शिक्षा पदाधिकारी श्वल किशोर सिंह ने कहा कि नेहरु जी बच्चे से बहुत प्यार करते और नेहरु जी गुलाब का फुल बहुत पसंद था। इसलिये बच्चे गुलाब की फुल के जैसे खिलते रहे और आगे बढ़ते रहें।
केंद्र प्रशासक कुमारी शालिनी द्वारा वन स्टॉप सेंटर, टॉल फ़्री नंबर 181, 112 के बारे में विस्तृत रूप से बताया गया।
कार्यक्रम को संबोधित करते हुए लैंगिक विशेषज्ञ राजेश कुमार ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना भारत सरकार का एक महत्वाकांक्षी योजना है। जिसका मुख्य उद्देश्य प्रत्येक वर्ष लिंगानुपात में 2 पॉइंट सुधार करना, संस्थागत प्रसव के प्रतिशत में सुधार लाना, पंजीकरण में पहली तिमाही में एक प्रतिशत वृद्धि करना एवं सुरक्षित स्वच्छता माहवारी प्रबंधन के बारे में बालिकाओं के बीच जागरूकता बढ़ाना है। साथ ही कहा कि कन्या भ्रूण हत्या एक अभिशाप है पीसीपीएनडीटी एक्ट के तहत कन्या भ्रूण हत्या या गर्भधारण के बाद लिंग परीक्षण चयन तकनीकों का इस्तेमाल करनेवाले पर 3 से 5 वर्ष की जेल एवं 10000 से ₹50000 का जुर्माना हो सकता है। महिलाओं से संबंधित सभी तरह के समस्याओं का समाधान जिला हब फ़ॉर एंपावरमेंट ऑफ वूमेन एवं वन स्टॉप सेंटर, मधेपुरा में किया जाता है।
प्रधानाध्यापक अर्जुन कुमार सुमन ने कहा कि बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओ योजना बालिकाओं के उत्थान में मिल का पत्थर साबित हो रहा है।
कार्यक्रम में सहायक शिक्षक संजय झा, अमित कुमार, सुधांशु मैत्रेयी, दीपक कुमार दास, शिक्षिका संजू कुमारी, सोनी कुमारी, अमृन बेगम, महिला पर्यवेक्षिका शबाना प्रवीण के साथ-साथ स्कूल की सैंकड़ों छात्र, छात्राएँ एवं सेविका मौजूद थी।
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