समाजवादी आंदोलन के यशस्वी चेहरे शरद यादव की जयन्ती दिल्ली में मनी

मंडल मसीहा के रूप में विख्यात, समाजवादी नेता शरद यादव की 77वीं जयन्ती नॉर्थ एवेन्यू, एमपी क्लब, नई दिल्ली में 1 जुलाई को मनाई गई.

शरद यादव इस देश के उन चंद नेताओं में शामिल हैं जिनका संसदीय जीवन 4 दशक से अधिक लम्बा रहा. वे 3 अलग राज्यों (मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश एवं बिहार) से चुनकर लोकसभा पहुंचने वाले भारत के 5वें मात्र सांसद रहे. उनके अलावे इंदिरा गांधी, नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मीरा कुमार के नाम यह रिकॉर्ड दर्ज है.

शरद यादव ने वीपी सिंह के नेतृत्व वाली भारत सरकार में मंत्री रहते हुए मंडल कमीशन की सिफ़ारिश लागू कराने में बड़ी भूमिका निभाई जिससे वंचित वर्ग में एक चेतना आई और लाखों लोग लाभार्थी हुए. उन्होंने जातिवार जनगणना की मुहिम का नेतृत्व किया. साथ ही महिला आरक्षण में कोटे के अंदर कोटा की वकालत की. उन्हें यह देश हमेशा इन तीन कार्यों के लिए याद करेगा.

इस अवसर पर शरद यादव को चाहने वाले बड़ी तादाद में मौजूद थे. सीपीएम के महासचिव सीताराम येचुरी, सीपीआई के महासचिव डी राजा, पूर्व सांसद व जदयू के महासचिव केसी त्यागी, पूर्व सांसद दानिश अली, मध्यप्रदेश सरकार के पूर्व मंत्री रमाशंकर सिंह, सामाजिक कार्यकर्ता डॉ. अनिल जयहिंद, सत्यशोधक समाज के सुनील सरदार, राष्ट्रीय जनता दल के राष्ट्रीय प्रवक्ता डॉ. जयन्त जिज्ञासु, दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. शशिशेखर सिंह, डॉ. अवधेश साह, तिब्बत के आचार्य याचि, मानक पब्लिकेशन के एमपी यादव, विचारक विजय प्रताप, युवा हल्ला बोल के राष्ट्रीय संयोजक अनुपम, जेएनयू छात्रसंघ चुनाव में समाजवादी छात्र सभा की प्रथम अध्यक्षीय उम्मीदवार अराधना यादव, जेएनयू के शोधार्थी परमिंदर अम्बर, ज्ञानप्रकाश व आकाश यादव समेत सैकड़ों सुधीजन व प्रियजन ने अपने नेता को याद किया. 

कार्यक्रम की अध्यक्षता समाजवादी समागम के अरुण श्रीवास्तव और संचालन प्रखर चित्रकार लाल रत्नाकर और संयोजन शरद यादव के कार्यालय सचिव व लम्बे समय तक सहयोगी रहे रामबहोर साहू ने किया.

सीताराम येचुरी ने कहा, "बोट क्लब पर पहली बार शरद जी ने ही कहा कि अब देश में दो धारा के बीच राजनैतिक संघर्ष होगा. 'मंडल बनाम कमंडल' उन्हीं का दिया हुआ नारा है. वे हमेशा मेरे लिए बड़े भाई की तरह रहे और मैं हमेशा उनके लिए छोटे भाई की तरह अंत तक रहा".

डी राजा ने कहा, "शरद जी ने हमेशा समाजवादियों और वामपंथियों के बीच समन्वय कायम करने वाले योजक कड़ी रहे".

केसी त्यागी ने कहा, "आरक्षण के पक्ष में जितना आंदोलन शरद यादव ने किया और जिस तरह लोगों को गोलबंद किया, उतना किसी ने नहीं. चौधरी चरण सिंह और कर्पूरी ठाकुर के बाद इतना ईमानदार नेता मैंने नहीं देखा. दास कबीर जतन से ओढ़ी ज्यों की त्यों धर दीनी चदरिया".

डॉ. जयन्त जिज्ञासु ने कहा, "लोकतंत्र के प्रहरी व संविधान के रक्षक शरद यादव को इतिहास में विशिष्ट जगह मिलेगी. आपातकाल के दौरान लोकसभा का कार्यकाल बढ़ाकर 6 वर्ष कर दिये जाने के ख़िलाफ़ पूरे देश में बस दो सांसद थे जिन्होंने इस्तीफा दिया - एक मधु लिमए और दूसरे शरद यादव. उन्होंने इस देश में अनेक विधायक, सांसद, मंत्री, मुख्यमंत्री बनाए, पर इससे अधिक महत्वपूर्ण योगदान यह है कि उन्होंने दिल्ली की राजनीति का व्याकरण बदला और संसद को वंचितों की आवाज़ का केंद्र बनाया".

डॉ. अनिल जयहिंद ने शरद यादव द्वारा मधेपुरा के मुरहो से निकाले मंडल रथयात्रा से जुड़े कई संस्मरण सुनाए. वहीं तिब्बत के आचार्य याचि ने शरद यादव को मानवता का पैरोकार बताया.

सुनील सरदार ने शरद यादव के व्यक्तित्व के कोमल पक्ष को याद करते हुए "साझा विरासत बचाओ आंदोलन" में उनकी भूमिका को याद किया.

प्रो. शशिशेखर सिंह ने कहा, "छात्रों-शिक्षकों और जनहित के मुद्दे को शरद यादव बड़ी शिद्दत से उठाते थे".

अराधना यादव ने कहा, "मैं उनसे कभी मिली नहीं, पर उनके व्यक्तित्व की आभा से हम जैसी बहुत-सी युवतियों का जीवन आलोकित है जो विश्वविद्यालयों में पहुंच पाई हैं".

वहीं शरद यादव के पहले निर्वाचन क्षेत्र जबलपुर के महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू, नगर निगम अध्यक्ष रिकुंज विज ने घोषणा की है कि 1 जुलाई 2025 को जबलपुर तहसील चौक स्थित ललित उद्यान में साथी शरद यादव की प्रतिमा स्थापित की जाएगी. यह कार्य नगर निगम और जन सहयोग से होगा.

राजद के प्रांतीय कार्यालय, पटना एवं मधेपुरा में शरद यादव के आवास के साथ-साथ देश के अलग-अलग ज़िलों में उनकी जयन्ती मनाई गई. कहा कि ऐसे नेता अपने कार्यों की बदौलत आम-अवाम के दिलों में हमेशा ज़िंदा रहते हैं.

(रिपोर्ट: श्रीमंत जैनेन्द्र)

समाजवादी आंदोलन के यशस्वी चेहरे शरद यादव की जयन्ती दिल्ली में मनी समाजवादी आंदोलन के यशस्वी चेहरे शरद यादव की जयन्ती दिल्ली में मनी Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 02, 2024 Rating: 5

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