यूबीजीबी में शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से 2.99 करोड़ के गबन की आशंका को लेकर शाखा प्रबंधक ने दर्ज करवाया मामला

मधेपुरा के यूबीजीबी में शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से 2.99 करोड़ का गबन की आशंका, शाखा प्रबंधक ने सदर थाना दर्ज करवाया मामला. मामले की तफ्तीश में जुटी पुलिस. 

दरअसल शिक्षा विभाग के शिक्षकों के वेतन मद से संबंधित खाता से जहां चेक के माध्यम से बड़ी राशि एनईएफटी के जरिए ट्रांसफर की गई है. बता दें कि मधेपुरा के स्टेशन रोड मार्ग स्थित उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक यानी यूबीजीबी की स्टेशन रोड शाखा में एक सरकारी खाते से 2 करोड़ 99 लाख 20 हजार 291 रुपए 30 पैसे के गबन का मामला सामने आया है. इतनी बड़ी राशि का गबन शिक्षा विभाग के खाते से हुआ है. हालांकि यह गबन वर्ष 2022 और 23 में हुआ है, लेकिन इसकी जानकारी जून 2024 में सामने आई है. जब शिक्षा विभाग ने संबंधित खाता की जानकारी बैंक से मांगी तो मामले को लेकर ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक उदित प्रियम ने सदर थाना में आवेदन देकर राशि से लाभान्वित पांच लोगों पर केस दर्ज करने और मामले की उच्च स्तरीय जांच की मांग की है. 

आवेदन में शिक्षा विभाग के एक तत्कालीन डीपीओ (स्थापना) के साथ-साथ बैंक के तत्कालीन शाखा प्रबंधक को भी शक दायरे में रखा गया है. बताया जा रहा है कि उत्तर बिहार ग्रामीण बैंक की स्टेशन रोड शाखा में शिक्षा विभाग का खाता संख्या 1008161010001494 है. इस खाता के लिए बैंक ने 22 नवंबर 2019 को चेक संख्या 684641 से 684660 निर्गत किया था. इसी खाता से धोखाधड़ी कर एनईएफटी के जरिए 2 करोड़ 99 लाख 20 हजार 291 रुपया का गबन किया गया है. शाखा प्रबंधक ने बताया है कि बैंक द्वारा इसकी जांच कराई गई है. जिसमें कई तथ्य सामने आए हैं. इसमें कहा गया है कि 28 जून 2024 को डीपीओ स्थापना ने इस खाते का स्टेटमेंट मांगा. शाखा द्वारा डीपीओ को स्टेटमेंट के साथ-साथ खाते का स्क्रीनशॉट भी दिया गया. डीपीओ ने 28 जून को पत्र द्वारा सूचित किया था कि उनके कार्यालय द्वारा इस खाता से अंतिम लेनदेन 14 जनवरी 2020 को किया गया था. इसके बाद किसी भी तरह के लेनदेन की कोई जानकारी कार्यालय को नहीं है. उन्होंने यह भी जानकारी दी कि खाते के लिये बैंक द्वारा निर्गत चेक उनके कार्यालय में अप्रयक्त अवस्था में उपलब्ध है. 

शिक्षा विभाग तत्कालीन डीपीओ के पत्र और हस्ताक्षर को बता रहा है फर्जी : 

बैंक की मानें तो उसकी जांच में यह बात सामने आई है कि जिला शिक्षा पदाधिकारी ने 30 सितंबर 2022 को खाता के संचालन के लिए नवपदस्थापित डीपीओ स्थापना शिवशंकर मिस्त्री का नमूना हस्ताक्षर भेजा था. इसके बाद डीपीओ स्थापना ने 14 नवंबर 2022 को इस निष्क्रिय खाता को सक्रिय करने का पत्र भेजा. अब वर्तमान डीपीओ स्थापना ने 11 जुलाई 2024 को बैंक को पत्र लिखकर सूचित किया कि तत्कालीन डीपीओ शिवशंकर मिस्त्री के दोनों पत्र उनके कार्यालय द्वारा निर्गत नहीं है. पत्र में सभी तरह के हस्ताक्षर भी फर्जी बताए जा रहे हैं. वहीं चेक के जरिए एनईएफटी के माध्यम से ट्रांसफर की गई राशि 2.99 करोड़ है. बैंक की जांच में यह बात सामने आई है कि संबंधित खाता से 25 नवंबर 2022 से 27 सितंबर 2023 के बीच चेक संख्या 684648 से 684661 के माध्यम से एनईएफटी फॉर्म के आधार पर 13 एनईएफटी द्वारा स्टेट बैंक ऑफ़ इंडिया की तीन शाखाओं से पांच विभिन्न खताओं में 2 करोड़ 99 लाख 20 हजार 291 की राशि ट्रांसफर की गई. बैंक का कहना है कि चेक संख्या 648661 इस खाते में निर्गत नहीं है. एनईएफटी के लिए सभी फार्म पर लाभुक खाताधारी का नाम डीपीओ लिखा हुआ है. जांच में पता चला कि ये सभी खाता डीपीओ का नहीं है बल्कि व्यक्तिगत हैं. 

पांच लाभुकों का नाम सामने आ रहा है : 

ग्रामीण बैंक की जांच रिपोर्ट की माने तो इतनी बड़ी राशि के गबन में पांच लाभुकों का नाम सामने आ रहा है. स्टेट बैंक आफ इंडिया की अलग-अलग शाखाओं से मिली जानकारी के अनुसार पूर्णिया जिले के जानकीनगर थाना क्षेत्र के मिरचाईबाड़ी वार्ड संख्या 7 निवासी मनीष कुमार के एसबीआई खाता संख्या 41276988374 में तीन एनईएफटी के माध्यम से 78 लाख 13441 रुपया ट्रांसफर किया गया है. इसी तरह जिले के गम्हरिया थाना क्षेत्र के रुपौली वार्ड संख्या 15 लक्ष्मीनिया निवासी दीपक कुमार के एसबीआई खाता संख्या 41341983510 में पांच एनईएफटी के माध्यम से एक करोड़ 19 लाख 36 हजार 325 रुपया ट्रांसफर किया गया है. इसी प्रकार सिंहेश्वर थाना क्षेत्र के जजहट सबेला वार्ड संख्या 11 निवासी विकास कुमार के एसबीआई खाता संख्या 42061966481 में तीन एनईएफटी के माध्यम से 69 लाख 85 हजार 360 रुपया ट्रांसफर किया गया. मधेपुरा के साहूगढ़ टोला-2 वार्ड संख्या 12 के राजेश कुमार के एसबीआई खाता संख्या 42180405087 में एक एनईएफटी के माध्यम से दो लाख ट्रांसफर किया गया. गम्हरिया थाना क्षेत्र के रुपौली वार्ड संख्या 15 लक्ष्मीनिया निवासी धीरज कुमार के एसबीआई खाता संख्या 42061968547 में एक एनईएफटी के माध्यम से 29 लाख 85 हजार 165 पया ट्रांसफर किया गया. इन सभी लाभुकों का खाता एसबीआई की अलग-अलग शाखा में है. 

शक के दायरे में हैं तत्कालीन डीपीओ और शाखा प्रबंधक : 

ग्रामीण बैंक की जांच रिपोर्ट के अनुसार इतनी बड़ी राशि के गबन को लेकर तत्कालीन डीपीओ स्थापना शिवशंकर मिस्त्री और तत्कालीन ग्रामीण बैंक शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार भी शक के दायरे में आ गए हैं. आवेदन में कहा गया है कि शिक्षा विभाग ने तत्कालीन डीपीओ के पत्र और चेक पर किए गए हस्ताक्षर को फर्जी करार दिया है लेकिन जांच के दौरान यह बात सामने आई कि बैंक को पूर्व में मिले हस्ताक्षर का नमूना और चेक और पत्र पर किए गए हस्ताक्षर बिल्कुल मिलते हैं. ऐसे में यह जांच का विषय है. साथ ही तत्कालीन शाखा प्रबंधक कुंदन कुमार कर्तव्य को नहीं निभाने के भी दोषी हैं. ऐसे में यह भी जांच का विषय है. 

बहरहाल शिक्षा विभाग के कोई भी अधिकारी कुछ भी बोलने से परहेज कर रहे हैं, सभी पदाधिकारी चुप्पी साधे बैठे हैं. हालांकि इस मामले में वर्तमान उत्तर ग्रामीण बैंक के शाखा प्रबंधक ने सदर थाना में आवेदन देकर गबन घोटाले का मामला दर्ज करवाया है. वहीं इस मामले में अनुसंधानकर्ता अमित कुमार रॉय ने बताया कि मामला दर्ज कर लिया गया है. इस संबंध में जांच चल रही है. जांच के बाद ही कुछ खुलासा हो पाएगा. उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा कि इसमें कई लोगों की संलिप्तता जगजाहिर हो सकती है.

यूबीजीबी में शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से 2.99 करोड़ के गबन की आशंका को लेकर शाखा प्रबंधक ने दर्ज करवाया मामला यूबीजीबी में शिक्षा विभाग के सरकारी खाते से 2.99 करोड़ के गबन की आशंका को लेकर शाखा प्रबंधक ने दर्ज करवाया मामला Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on July 27, 2024 Rating: 5

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