इस दौरान विश्वविद्यालय प्रशासन के खिलाफ जमकर नारेबाजी भी की। छात्रों के हंगामा को देखते हुए विश्वविद्यालय परिसर में बड़ी संख्या में पुलिस बल की तैनाती की गई थी। विवि के अधिकारियों ने प्रदर्शन कर छात्र-छात्राओं को समझाने का प्रयास किया, लेकिन आंदोलनकारी परीक्षा में फेल हुए 98 छात्रों को पास करने की मांग पर अड़े रहे।
छात्र नेताओं ने आरोप लगाते हुए कहा कि जो छात्र कभी क्लास नहीं किया उन्हें उत्तीर्ण कर दिया गया है। जबकि नियमित क्लास करने वाले को फेल कर दिया गया है। छात्रों ने कहा कि पीएचडी कोर्स वर्क के परिणाम में बड़े पैमाने पर अनियमितता और धांधली की गई है। बीएनएमयू में कार्यरत कई अधिकारियों की पत्नी और बच्चे उत्तीर्ण कर गए हैं। छात्र नेताओं ने कहा कि जब तक विश्वविद्यालय प्रशासन सभी अनुत्तीर्ण छात्र-छात्राओं को उत्तीर्ण घोषित नहीं करता है, तब तक यह आंदोलन जारी रहेगा।
वहीं, इस मामले में बीएनएमयू के कुलसचिव प्रो. मिहिर कुमार ठाकुर ने कहा कि परीक्षा में छात्र फेल और पास होते हैं। पीएचडी कोर्स वर्क 2021 की परीक्षा में शामिल 370 विद्यार्थी शामिल हुए थे। जिसमें से 98 छात्र फेल हुए हैं। फेल छात्रों के द्वारा परीक्षा में अनियमितता की बात कही जा रही है, जो की सच नहीं है। परीक्षा नियंत्रक, कुलसचिव या कुलपति अपने से परीक्षा को इवेल्यूएट नहीं करते हैं।
उन्होंने कहा कि उत्तरपुस्तिका का इवेल्यूएशन एग्जामिनर करते हैं। फिर भी छात्रों की लिखित शिकायत को परीक्षा बोर्ड की बैठक में रखने के लिए कुलपति से आग्रह करेंगे। ऑपरेटरों की भूल की वजह से परीक्षा नियंत्रक का हस्ताक्षर रिजल्ट अपलोड हो गया था, उसको सुधार कर लिया गया है।

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