परिजनों का कहना है कि 23 अप्रैल को शाम लगभग 8 बजे मद्य निषेध विभाग की टीम ने महंथी मुखिया को गिरफ्तार किया था। इसके बाद उसे मधेपुरा कोर्ट में पेश किया गया। कोर्ट में उनसे मिलने आई पत्नी को उन्होंने पुलिस द्वारा मारपीट की बात कही थी। उनलोगों ने बताया कि जेल से ही महंथी मुखिया को इलाज के लिए मेडिकल कॉलेज ले जाया गया था। जहां शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। लेकिन मौत के 4 घंटा बाद भी परिजनों को शव नहीं दिया गया।
इसके आक्रोशित परिजनों ने सड़क जाम कर पुलिस प्रशासन के खिलाफ नारेबाजी करने लगे। परिजनों की मांग है कि दोषी पुलिस पर कार्रवाई की जाए और उनके आश्रितों को मुआवजा दिया जाए। दोपहर लगभग 12 बजे पुलिस की ओर से आश्वासन मिलने पर परिजनों ने जाम समाप्त कर दिया और शव को पोस्टमार्टम की प्रक्रिया शुरू कर दी गई। महंथी मुखिया को 2 बेटा है। एक 18 साल है और दूसरा 15 साल का। वह दुकान चलाकर अपने परिवार का भरण-पोषण करता था।
मधेपुरा मंडल कारा अधीक्षक अमर शक्ति ने बताया कि 24 अप्रैल को शाम में उक्त कैदी को जेल लाया गया था। अत्यधिक शराब पीने की वजह से तबीयत बिगड़ने पर उसी रात करीब 11 बजे जननायक कर्पूरी मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान शनिवार की सुबह उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा कि पुलिस पर मारपीट का आरोप बेबुनियाद है। एएसपी प्रवेंद्र भारती ने कहा कि इससे पहले भी महंथी मुखिया शराब बेचने के जुर्म में पकड़ाया था। 23 अप्रैल को मद्य निषेध विभाग ने शराब पीने के आरोप में उसे गिरफ्तार किया था। तबीयत बिगड़ने पर उसे मेडिकल कॉलेज में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान आज सुबह में उसकी मौत हो गई। बताया कि परिजनों द्वारा लिखित आवेदन मिलने पर नियमानुसार जांच कर कार्रवाई की जाएगी। पोस्टमार्टम की भी वीडियोग्राफी कराई जाएगी.
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