आम के पेड़ में आने लगे मंजर, कीट से बचाव के लिए करें ये उपाय

आम के पेड़ में मंजर देखकर किसानों के चेहरे खिल गए हैं. आम के पेड़ में मंजर लगने के साथ ही कीट-रोगों का प्रकोप भी बढ़ जाता है. अब समय आ गया है कि आम के मंजरों की देखभाल शुरू कर दी जाए. कभी-कभी देखने को मिलता है कि भरपूर मंजर आने के बावजूद भी मंजरों की सुरक्षा नहीं हो पाने के कारण फसल बहुत कम हो जाता है या कभी-कभी नहीं हो पाता. इसलिए समय रहते कुछ बातों का ध्यान रखकर किसान नुकसान से बच सकते हैं.

कृषि विज्ञान अनुसंधान केंद्र के निदेशक सह वरिष्ठ वैज्ञानिक सुरेंद्र चौरसिया ने जानकारी देते हुए बताया कि इस बार मौसम के अनुकूल आम की पैदावार अच्छी रहने की आशा है. यह इस बात पर निर्भर करता है कि किसान अपने आम के बाग की देखभाल कैसे करते हैं. मंजर बहुत अच्छा आता है टिकोले भी लगते हैं इसके बावजूद भी किसानों को नुकसान उठाना पड़ जाता है, बस थोड़ी अज्ञानता या अभिज्ञता के कारण. 

आम के मंजर को ऐसे बचाएं

मंजर को बचाने के लिए किसानों को चाहिए कि आम के पेड़ में भरपूर पानी दें. इससे न सिर्फ मंजर को बचाया जा सकेगा बल्कि बढ़ते तापमान का भी प्रभाव कम होगा. इसके साथ ही जब मंजर में सरसों के आकार का दाना बनने लगे तो कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक दवा से छिड़काव किया जा सकता है.

अभी मंजर निकलने के समय कृषि वैज्ञानिकों का कहना है कि आम के पेड़ में लगे मंजर को बचाने के लिए अभी से ही नीम के तेल का छिड़काव करना चाहिए. इसके साथ ही आम के बगीचे में नमी भी बनाए रखें. आम के पेड़ में पर्याप्त मात्रा में जल पहुंचना चाहिए. वहीं, कुछ वैज्ञानिकों का मानना है कि मंजर में दाना बनने तक पानी नहीं देना चाहिए. जब टिकोले मटर के दाने के बराबर हो जाए तब कैल्सियम नाइट्रेट पांच ग्राम प्रति लीटर पानी में, साथ ही बोराम एक ग्राम और प्लोनोथिक्स 9 लीटर पानी में चार एमएल मिलाकर छिड़काव करना चाहिए. इसके बाद फफूंद नाशक दवाई सलफैक्स और एनीलाक्लोराइड दोनों को मिलाकर पेड़ में छिड़काव करें. इसके छिड़काव से आम में आ रहे मंजर की बेहतर देखभाल होगी. या फिर कॉपर ऑक्सिक्लोराइड 2 ग्राम से 3 ग्राम प्रति लीटर पानी में तथा उसमें और एक दवा इमिटाक्लोपिड 15 लीटर पानी में 5 से 7 एम एल घोलकर समूचे बगीचे में पूरे पौधे से लेकर तने तक में इसका छिड़काव कर दें तो जो पनपने वाले कीड़े होंगे वे रुक जाएंगे.

वहीं जब टिकोला मटर के साइज का हो जाता है तो उसमें एक बीमारी लगती है जो कवक के द्वारा फलाई जाती है, जिसे हम पाउडरी मिल्डु कहते हैं, सबसे ज्यादा नुकसान या रोग करता है. अगर बारिश हो गई और पुनः धूप खिल गई तो काफी टिकोले का नुकसान हो जाता है.

कृषि वैज्ञानिक सुरेंद्र चौरसिया कहते हैं, आम के पेड़ पर मंजर में दाना बनने के बाद ही छिड़काव किया जाना चाहिए. मंजर आने के बाद किसान भूल कर भी जहरीली रासायनिक पदार्थ का छिड़काव न करें. जहरीली रासायनिक पदार्थ के छिड़काव से फल के जहरीले होने की संभावना बढ़ जाती है. मंजर को बचाने के लिए किसानों को चाहिए कि आम के पेड़ में भरपूर पानी दें. इससे न सिर्फ मंजर को बचाया जा सकेगा बल्कि बढ़ते तापमान का भी प्रभाव कम होगा. इसके साथ ही जब मंजर में सरसों के आकार का दाना बनने लगे तो कीटनाशक एवं फफूंदी नाशक दवा से छिड़काव किया जा सकता है. जब मटर आकार का दाना पेड़ पर दिखाई देने लगे तो प्लानोफिक्स 5 से 6 एमएल प्रति दस लीटर पानी में मिलाकर 15 दिनों के अंतराल पर छिड़काव किया जा सकता है. इससे अनावश्यक टिकोले नहीं गिरेंगे.

अगर किसान अपने आम के पेड़ पर एक फीट चौड़ी पॉलिथीन लपेटकर उसे अच्छे से बांध दें फिर उसे पर ग्रीस लगा दें जैसे ही कीड़ा जमीन से ऊपर पेड़ पर चढ़ने की कोशिश करेगा तो वह ग्रीस में चिपक कर मर जाएगा या फिर नीचे गिर जाएगा तो प्राकृतिक रूप से किसान अपने आम के पेड़ का बचाव कर सकते हैं.

कृषि विभाग के मुताबिक मधुआ कीट लग जाने से मंजर काला हो जाता है. इससे दाने नहीं लग पाते हैं. ऐसे में आम के पेड़ में पहला छिड़काव मंजर निकलने के बाद ही करना चाहिए. कृषि वैज्ञानिकों के बताए कीटनाशक का ही प्रयोग करें. दूसरा छिड़काव जब मंजर मटर के दानों में बदल जाते हैं तब करना चाहिए. इस समय छिड़काव होने से मंजर को पाउडरी मिल्ड्यू और एन्थ्रैकनोज रोग से सुरक्षित रखा जा सकता है. वहीं, तीसरा छिड़काव तब करना चाहिए जब मंजर टिकोला बनने लगे.

टिकोले के बड़े होने और डंठल के सूखने और झरने से बचाव के लिए

टिकोले के मटर के दाने से बड़े होने पर डंठल सूखने एवं झरने की समस्या आती है. यह जलवायु के कारण होता है. हम जब मंजर निकलने वाला होता है तो उसे समय पौधे की सिंचाई करते हैं, जबकि टिकोले का साइज जब पूर्ण आम का आधा हो उस समय सिंचाई करनी चाहिए. ऐसे में टिकोले गिरने से बचेंगे. अन्य किसी कारणों से टिकोले गिर रहे हैं तो जिले के कृषि विभाग के अधिकारियों से उपचार के विषय में जानकारी मांग कर नियंत्रण कर सकते हैं.

आम के पेड़ में आने लगे मंजर, कीट से बचाव के लिए करें ये उपाय आम के पेड़ में आने लगे मंजर, कीट से बचाव के लिए करें ये उपाय Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on March 03, 2024 Rating: 5

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