रंगकर्मी एन.के. यदुवंशी के नेतृत्व में कोशी अंचल की लोकसंस्कृति पर आधारित एक से बढ़कर एक लोकनृत्य जिसमें मुख्य रुप से जट जटिन, झिझिया, कजरी सहित भैय्या मलहवा चर्चित लोकनृत्य की बेहतरीन प्रस्तुति के जरिए कलाकारों ने लोगो का दिल जीता. जबकि आलेख ललित प्रकाश व परिकल्पना डॉ. महेंद्र कुमार और निदेशन युवा रंग निदेशक बिकास कुमार निर्देशित "लो आई वापस सोने की चिड़िया" नामक नाटक के संदेशप्रद मंचन से मौजूद दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया.
महोत्सव का उद्घाटन बीएन मंडल विश्वविद्यालय के पूर्व हिन्दी विभागाध्यक्ष प्रो. डॉ. विनय कुमार चौधरी, पार्वती विज्ञान महाविद्यालय में संगीत विभागाध्यक्ष प्रो. रीता कुमारी, संगीत शिक्षक डॉ. सुरेश कुमार शशि, सृजन दर्पण के अध्यक्ष डॉ. ओमप्रकाश ओम, केपीएस के निर्देशक अमन प्रकाश ने संयुक्त रूप से दीप प्रज्ज्वलित कर किया. नाटक में रंगकर्मी हिमांशु कुमार, निखिल कुमार, सौरभ कुमार, स्नेहा कुमारी, मौसम कुमारी, आंकाक्षा प्रिया और रेशम कुमारी ने अभिनय किया. जबकि महोत्सव को सफल बनाने में अनिल कुमार और ब्रम्ह प्रकाश ने अहम भूमिका निभाई. इस अवसर पर बड़ी संख्या में दर्शकगण मौजूद थे.
(नि. सं.)
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