अंचल मंत्री जगत नारायण शर्मा के नेतृत्व एवं पार्टी के वरीय नेता उमेश यादव की अध्यक्षता में आयोजित धरना कार्यक्रम को संबोधित करते हुए भाकपा के राष्ट्रीय परिषद सदस्य प्रमोद प्रभाकर ने कहा कि आजादी के 76 वर्ष बाद भी वंचित गरीबों को अपनी झोपड़ी खड़ा करने के लिए बास भूमि उपलब्ध नहीं है.
उन्होंने कहा कि बिहार सरकार के निर्देश के बावजूद पर्चा देने के प्रति गंभीर नहीं है स्थानीय प्रशासन. भाकपा नेता प्रभाकर ने कहा कि पर्चा के मामले में लापरवाही बर्दास्त नहीं की जाएगी, शीघ्र पंचायतवार सर्वेक्षण कराकर पर्चा निर्गत नहीं हुई तो आंदोलन और तेज होगा. उन्होंने कहा कि धर्म के आर में बुनियादी समस्याओं को दबाए जाने की साजिश चल रही है. देश के बच्चों को मंदिर और मस्जिद नहीं शिक्षा और रोजगार चाहिए. देश के किसान और जवान आत्महत्या करने को मजबूर हैं, बढ़ती महंगाई एवं बेरोजगारी से आम लोग त्रस्त हैं, परंतु केंद्र की मोदी सरकार हिंदू और मुसलमान करने में मस्त है.
भाकपा जिला मंत्री विद्याधर मुखिया ने कहा कि केंद्र की सरकार किसानों की नहीं कारपोरेटों की सरकार है. उन्होंने किसानों के फसल का लाभकारी दाम देने, पर्चा धारियों को जमीन पर कब्जा दिलाने की मांग की. वहीं पार्टी के सहायक जिला मंत्री मुकुंद प्रसाद यादव ने मुरोत, कपसिया आदि गाँव में कटाव से विस्थापित परिवार को पुनर्वासित करने की मांग की.
भाकपा नेता मोती सिंह एवं वार्ड सदस्य संघ के प्रांतीय प्रतिनिधि, भाकपा नेता रमेश कुमार शर्मा ने बिहार को विशेष राज्य का दर्जा देने की मांग की. वरीय नेता सागर चौधरी, बिंदेश्वरी यादव, मनोज राम, शशि शर्मा ने कहा कि गरीबों की हकमारी बंद हो.
धरना में उमेश पासवान, सागर चोधरी, मनोज राम, उमाकांत मंडल, ओंकार मंडल, ब्रह्मचारी पासवान, जनार्दन ठाकुर, धर्मेंद्र राम, अवधेश मंडल, महेंद्र यादव, वकील राम, बीरो ऋषिदेव, बम बम शर्मा, प्रकाश पासवान, राम वचन शर्मा आदि बड़ी संख्या में भाकपा कार्यकर्ता शामिल थे. वहीं प्रतिनिधि मंडल ने अंचलाधिकारी को दस सूत्री मांगों का स्मारपत्र सौंपा.
(रिपोर्ट: प्रेरणा किरण/ मधेपुरा टाइम्स)
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