सर्वप्रथम प्राचार्य श्रीकांत सिंह के द्वारा पुष्प गुच्छ देकर अतिथि कलाकार को सम्मानित किया गया. तत्पश्चात कार्यक्रम की शुरुआत राग भीमपलासी में निबद्ध ख्याल गायन की बंदिश झपताल से की गई. तत्पश्चात तीनताल मध्य लय की रचना प्रस्तुत कर संगीत की बारीकियों जैसे- बोल आलाप, तान, सरगम इत्यादि के माध्यम से बंदिश शुरु होने के स्थान को गायन के माध्यम से प्रस्तुत कर के दिखाया. श्रोताओं के विशेष आग्रह पर ग़ज़ल गाकर कार्यक्रम की समाप्ति की गई.
तबला पर अरकोदीप दास और हारमोनियम पर शातानीक चटर्जी ने बेहतरीन संगति किया. उस्ताद वसीम अहमद खान जी का गायन सुनने के लिए जहाँ एक तरफ मधेपुरा जिला के दूर दराज के गुणीजन श्रोतागण पहुँचे. वहीं नवोदय विद्यालय के समस्त शिक्षक सहित सभी छात्र-छात्राएँ भी सुरीले संगीत सुनकर मंत्रमुग्ध हो गए. अंत में प्राचार्य श्रीकांत सिंह के द्वारा शाल देकर उस्ताद जी और सहयोगी कलाकार को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम के संयोजक विभूति विशाल, संगीत शिक्षक और उद्घोषक छात्र उज्जवल कुमार और छात्रा कुमारी तृप्ति ने किया. धन्यवाद ज्ञापन हेमनाथ झा के द्वारा किया गया.
(नि. सं.)

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