परिजनों ने पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, कहा पुलिस ने ही जला दी लाश, मृतक के पुत्र को नहीं देने दी मुखाग्नि

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज थाना क्षेत्र में हत्याओं का दौरा बदस्तूर जारी है, सर चढ़ कर बोल रहा है अपराध लगातार बेखौफ अपराधी हत्या जैसे संगीन वारदात को दे रहा है अंजाम, गोलीबारी में थमने का नाम नहीं ले रहा है.

25 अगस्त को मुरलीगंज थाना अंतर्गत रजनी पंचायत के वार्ड नंबर 16 में सोए में बुजुर्ग व्यक्ति की गोली मारकर की गई हत्या और ठीक 5 दिन बाद 30 अगस्त की शाम परमानपुर पंचायत के वार्ड नंबर 3 मुसहरी धार के पास मसाला व्यवसाई को गोली मारी गई. रविवार 3 सितंबर को अपराधियों ने एक महादलित युवक को पान दुकान से खींचकर मे मारी गोली इलाज के लिए ले जाते वक्त रास्ते में मौत हुई.

मुरलीगंज जीतापुर पंचायत स्थित द्वारिका टोल से होकर नहर पर बसे महादलित परिवार के बीच चामगढ़ नहर चौक पर रविवार की रात्री अपराधियों ने पान दुकानदार जो सड़क के और नहर के पश्चिमी किनारे पर बस था को सड़क के पूर्वी छोर पर ले जाकर गोली मार दी।

गोली लगने के बाद परिजनों द्वारा उन्हें आनंद फानन में मेडिकल कॉलेज के ले जाया गया जहां मौके पर मौजूद डॉक्टरों द्वारा उन्हें मृत घोषित कर दिया गया .

गौरतलब हो कि अर्जुन ऋषिदेव (30) अन्य दिनों की तरह अपने पान दुकान पर बैठे व्यवसाय कर रहे थे। शाम के समय करीब सात बजे दो बाइक पर सवार चार युवकों ने अर्जुन ऋषिदेव जबरन दुकान से खींचकर सड़क के किनारे ले जाकर गोली मार दी। इसी दरमियान एक युवक ने पिस्टल निकालकर अर्जुन ऋषिदेव को गोली मार दी। गोली मारने के बाद चारों अपराधी घटना स्थल से भाग निकले। चामगढ़ नया टोला मुसहरी वार्ड 7 निवासी अर्जुन ऋषिदेव सातेन ऋषिदेव का पुत्र था। 

वहीं मामले में परिजनों का हुजूम आरोप के साथ मुरलीगंज थाना पहुंचा. मृतक के बड़े भाई सुरेंद्र ऋषि देव ने बताया कि 10 दिन पहले वकील ऋषि देव का भैंस चोरी हुआ था जिसको लेकर के वह हम पर आरोप लगाया और कल शाम में ही हमारे साथ वकील ऋषि देव और उसके बेटे ने मारपीट की. हमने सोचा चलो गांव घर की बात है खत्म करते हैं लेकिन कुछ ही देर के बाद जब हम दवाई और इलाज करा कर घर लौटे ही थे कि हमारा छोटा भाई अर्जुन ऋषि देव दुकान गुमटी पर बैठा हुआ था, तीन अपराधियों को मंगाकर अर्जुन को दुकान से खींचकर पांडव यादव द्वारा गोली मारी गई. वहां से हम लोगों द्वारा एक मोटरसाइकिल भी जप्त किया गया जो हमने को पुलिस सौंप दिया है.

मामले में ग्रामीण मुरलीगंज थाने में महादेव ऋषि देव जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा रात के 3:00 बजे लाश को पैर पड़कर कुत्ते की तरह घसीटते हुए नहर के किनारे गड्ढा खोदकर टायर डालकर जला दिया गया. ना तो वह कोई कोरोना का मरीज था, न ही जहर खाया था और हम लोग अगर पास जाना चाहते थे तो यह कहता था कि यहां से हटो, हम लोगों को और जगह ड्यूटी करने जाना है.

वहीँ मृतक के बूढ़े पिता सतन ऋषि देव ने मामले में जानकारी देते हुए कहा कि पहले तो हमारे बड़े बेटे के साथ मारपीट की फिर छोटे बेटे को दुकान से खींचकर गोली मार दी और पुलिस द्वारा 3:30 रात में जलावन एवं टायर डालकर मेरे बेटे को जला डाला. यहां तक कि हमारे पोते को भी मुखाग्नि नहीं देने दिया.

मामले में जानकारी देते हुए मृतक अर्जुन ऋषिदेव के 10 वर्षीय पुत्र अमरेश ने जानकारी देते हुए बताया कि पुलिस द्वारा जबरदस्ती उसे उजला वस्त्र पहनाया गया और जब हम मुखाग्नि देने के लिए तैयार नहीं थे तो पुलिस ने जबरदस्ती खुद ही आग दे डाली।

मामले में मृतक की भाभी रतन देवी ने जानकारी देते हुए बताया कि की अहले सुबह 3:30 बजे के करीब हमने पुलिस से गुहार लगाते रहा कि आखिर लाश जलाने के लिए आप लोग क्यों आमादा है. हमारी बेटी आ रही है और इस मृतक का बेटा दिल्ली से आ रहा है पर उनलोगों ने हम लोगों की एक न सुनी और लाश को घसीटते हुए ले जाकर जला दिया.

वहीं राजू ऋषिदेव ने जानकारी देते हुए बताया कि हम लोग पुलिस से गुहार लगाया कि जब बेटा दिल्ली से चल चुका है हम लोग अपने दाह संस्कार कर लेंगे. आप लोगों की आवश्यकता नहीं होगी फिर भी पुलिस ने जबरदस्ती लाश को जलाया.

वही राजू ऋषिदेव ने पुलिस पर बड़ा आरोप लगाते हुए कहा कि आखिर लाश पुलिस ने क्यों जलाई? आखिर पुलिस को इससे क्या हासिल होने वाला था? हम लोग पुलिस पर झूठा आरोप क्यों लगायेंगे? यह बताइए क्या हमारी पुलिस से दुश्मनी है? पुलिस ने लाश जलाने का काम किया है यह 100% सच है.

तीन बच्चों के सर से उठ गया पिता का साया हो गया अनाथ

मृतक अर्जुन ऋषिदेव दुकानदारी कर ही पत्नी, दो पुत्र व एक पुत्री का पालन पोषण करते थे। घटना के बाद पति की मौत के बाद पत्नी सदमे में कुछ भी बोलने से बच रही थी. बार-बार बच्चों की तरह इशारा करती थी, कहती थी इसका पालन पोषण कैसे होगा? 

घटना के बाद महादलित बस्ती में जैसे मातमी सन्नाटा फैल चुका है. घटना के बाद आसपास के लोगों की भीड़ घटना स्थल पर जुट गयी। गोली मारने की घटना की जानकारी मिलते ही अर्जुन के पिता, पत्नी, पुत्र सहित सभी परिजन दौड़े चले आए।

मामले में सीडीपीओ अजय नारायण यादव ने पुलिस द्वारा लाश जलाई जाने वाली बात को बेबुनियाद बताया और कहा कि हमारी टीम आरोपियों के घर पकड़ के लिए प्रतिनियुक्ति थी पोस्टमार्टम के उपरांत रात 1:30 के बाद लाश को परिजनों को सुपुर्द कर दिया गया था.

परिजनों ने पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, कहा पुलिस ने ही जला दी लाश, मृतक के पुत्र को नहीं देने दी मुखाग्नि परिजनों ने पुलिस पर लगाये गंभीर आरोप, कहा पुलिस ने  ही जला दी लाश, मृतक के पुत्र को नहीं देने दी मुखाग्नि Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on September 04, 2023 Rating: 5

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