मंगलवार की देर शाम आई आंधी और इसके बाद हुई बारिश से विद्युत व्यवस्था चरमरा गई. शहर में मंगलवार शाम 7:00 बजे आंधी बारिश के बाद बिजली आपूर्ति बंद हो गई जो कि देर रात 1:00 रात प्रारंभ हो पाया. पुनः बुधवार सवेरे 7:00 बजे के बाद से विद्युत आपूर्ति ठप्प हो गई.
उमस भरी गर्मी में पसीने से तरबतर लोगों ने कंट्रोल रूम में फोन किया तो बताया गया कि नवटोल के पास तार टूट कर धान के खेत में पड़ा है. विद्युत विभाग की टीम फाल्ट लोकेटर लेकर पहुंची. घंटों बाद पता चला कि इंसुलेटर पंक्चर हो गया है और तार भी टूट कर गिरा हुआ है.
गौरतलब है कि मानसून मेंटेनेंस कराया जाता है. ताकि बरसात के मौसम में चलने वाले आंधी तूफान और भारी वर्षा से बिजली गुल न हो और उपभोक्ताओं को असुविधा से बचाया जा सके. विभागीय अधिकारियों ने व्यवस्थित रखरखाव के नाम पर भारी भरकम बजट खर्च किया, लेकिन मानसून की पहली ही बारिश ने मुरलीगंज सहित ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग के मेंटेनेंस की पोल खोल कर रख दी है.
मामले में जानकारी देते हुए विद्युत उपकेंद्र कनीय अभियंता हर्ष कुमार ने बताया कि मंगलवार को आई तेज आंधी के कारण नवटोल के पास से गुजरने वाली 33 हजार के वी (33 हज़ार किलोवाट) संचरण लाइन में तीन बिजली खंभों के तार टूट कर धान के खेतों में गिर गए हैं और दर्जनों इंसुलेटर खराब हो चुके हैं. देर रात पुराने संचरण लाइन पर किसी तरह रात 1:00 बजे बाहर के लिए बिजली आपूर्ति सुनिश्चित कराई गई.
पुराना संचरण लाइन पर अधिक विद्युत भार सहन करने की क्षमता नहीं है. इसलिए आज सवेरे से टूटे हुए तारों और इंसुलेटर को बदलने एवं मरम्मतीकरण का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है. शाम तक विद्युत आपूर्ति सुनिश्चित करवाने की कोशिश की जा रही है.
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