पीड़ित अमरेंद्र यादव, चंदन यादव, विजेंद्र यादव, गजेंद्र यादव, संजय यादव,भूपी यादव, रामू यादव, सदानन्द यादव, अरविंद यादव, अरुण यादव, रविंद्र यादव, शैलेंद्र यादव आदि दर्जनों किसानों ने बताया कि उनके खेत ग्राम पंचायत बरदाहा पथराहा वार्ड नंबर 7 के निकट नहर के किनारे स्थित हैं. नहर में पांच रोज पूर्व सिंचाई विभाग द्वारा नहर में पानी खोला गया था लेकिन पानी के उपयोग नहीं होने के कारण पानी की अधिकता से नहर की पटरी टूट गई। इससे दर्जनों किसानों के करीब 25 एकड़ खेतों में पानी भरने से फसल जलमग्न हो गई. अत्यधिक पानी के कारण पानी किसानों की गेहूं और मकई की फसल बर्बाद होने से कई लाखों रुपया की क्षति हुई है। साथ ही मूंग की खेती नहीं हो पाएगी। किसानों ने सिंचाई विभाग के कर्मचारियों पर लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि नहर की पटरी टूटने की सूचना देने के कई घंटों बाद सिंचाई विभाग के कर्मचारियों ने नहर को बंद किया. यदि सूचना पर ही नहर को बंद कर दिया जाता तो किसानों की फसलों में कम नुकसान होता पीड़ित किसानों ने जिलाधिकारी से मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं.
मधेपुरा जिला के घैलाढ़ प्रखंड क्षेत्र के बरदाहा पंचायत के पथरहा गांव वार्ड 7 समीप गम्हरिया उपशाखा 202 आरडी नहर पटरी टूटने से दर्जनों किसानों की लाखों रुपया के गेहूं और मकई की फसल बर्बाद हो गई। किसानों ने सिंचाई विभाग के प्रति आक्रोश व्यक्त करते हुए मुआवजा दिलाने की मांग कर रहे हैं।
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