मिली जानकारी के अनुसार डॉ. डी. पी. गुप्ता का जन्म 17 जनवरी 1955 को हुआ था और उनका मूल घर अररिया जिले के नरपतगंज के फुलकाहा में हुआ था. मधेपुरा के सदर अस्पताल में उन्होंने वर्ष 2000 में बतौर चिकित्सा पदाधिकारी अपना योगदान दिया था और गत
वर्ष 2022 में 31 जनवरी को अवकाश ग्रहण किया था. एक सरल और बेहद मिलनसार व्यक्तित्व के धनी शिशु रोग विशेषज्ञ के रूप में इलाके की उन्होंने निरंतर सेवा कर खूब ख्याति अर्जित की थी. मधेपुरा से पहले वे मधुबनी जिले के फुलपरास अनुमंडलीय अस्पताल में कार्यरत थे.
उनके निधन की खबर से पूरे कोसी में उनके जानने वाले मर्माहत हैं. सदर अस्पताल मधेपुरा में जहाँ उनके लिए एक शोक सभा आयोजित कर ओपीडी को बंद रखा गया वहीं आईएमए ने भी डॉ. डी. पी. गुप्ता के निधन पर शोक व्यक्त किया है.
मधेपुरा के प्रसिद्ध चिकित्सक डॉ. सचिदानंद यादव ने डॉ. डी. पी. गुप्ता के निधन पर पर कहा कि वे मृदुभाषी मिलनसार व्यक्ति थे. हर बच्चे के माता पिता के जुबान पर विश्वास के साथ नाम था और है डॉ गुप्ता का. वे ज्ञान के राजा थे और उनका रहन सहन बिल्कुल साधारण. उनका क्लिनिक भी साधारण था लेकिन इलाज ऊँचाईयों का। मधेपुरा के लिए उनका जाना एक अपूरणीय क्षति है.
वे अपने पीछे धर्मपत्नी के अलावे दो पुत्र व एक पुत्री छोड़ गए हैं. उनके दोनों पुत्रों से से एक चिकित्सक व दूसरे इंजीनियर हैं जबकि पुत्री उत्तर प्रदेश में MBBS तृतीय वर्ष में पढ़ाई कर रही हैं. मधेपुरा टाइम्स की ओर से भी उन्हें श्रद्धांजलि.

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