"उच्च शिक्षा का वर्तमान एवं भविष्य" विषय पर परिचर्चा: शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का सम्मान समारोह
बीएनएमयू मधेपुरा के ऑडिटोरियम में शनिवार को बिहार सरकार के शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर का सम्मान समारोह का आयोजन किया गया. कार्यक्रम की अध्यक्षता कुलपति प्रो. आरकेपी रमण थे.
इस अवसर पर "उच्च शिक्षा का वर्तमान एवं भविष्य" विषय पर परिचर्चा का भी आयोजन हुआ. कार्यक्रम का उद्घाटन मंत्री, कुलपति, प्रतिकुलपति सहित अन्य ने किया. इस अवसर पर शिक्षा मंत्री प्रो. चंद्रशेखर ने कहा कि बीएनएमयू की सभी समस्याओं का समाधान किया जाएगा. उन्होंने कहा कि पीजी के विषयों में पद सृजन करने का प्रयास किया जा रहा है. उन्होंने कहा कि कर्मचारियों की समस्याओं का समाधान जल्द किया जाएगा. मंत्री ने कहा की इसकी जानकारी उन्हें विलंब से मिली, जैसे ही इसकी जानकारी मिली कि उन्होंने विभाग में संचिका पर विचार किया. इन समस्याओं का जल्द ही निदान कर दिया जाएगा. मंत्री ने कहा कि भारत ने दुनिया को प्रेम एवं अहिंसा का संदेश दिया है. इसी संदेश के कारण हम दुनिया में विश्वगुरु थे और आगे भी हम प्रेम एवं मुहब्बत के दम पर ही विश्वगुरु बनेंगे. हम नफरत के दम पर विश्वगुरु नहीं बन सकेंगे.
उन्होंने कहा कि भारत को जाति-व्यवस्था ने गर्त में ढकेल दिया है. जाति के कारण ही भारत विश्वगुरु के पद से पदच्युत हुआ है. हम जातिवाद को मिटा देंगे, तो पुनः विश्वगुरु बन जाएंगे. उन्होंने कहा कि शिक्षा दुनिया को बदलने का सबसे बड़ा औजार है. शिक्षा दुनिया से अंधकार को मिटाकर प्रकाश ला सकता है. डॉ. अंबेडकर इसके सबसे बड़े प्रतीक हैं.
मंत्री ने कहा कि बिहार ज्ञान की भूमि है. हमारे नालंदा एवं विक्रमशिला विश्वविद्यालय में दुनिया भर से लोग शिक्षा ग्रहण करने आते थे लेकिन दुर्भाग्यवश हम अपनी विरासत को बचा नहीं पाए. उन्होंने कहा कि भारतीय परंपरा में गुरू को ईश्वर माना गया है. शिक्षकों की जिम्मेदारी है कि वे सबों के बीच ज्ञान बांटने का काम करें.
कार्यक्रम के उद्घाटनकर्ता सह अध्यक्ष कुलपति प्रो. आरकेपी रमण समेत अन्य विद्वजनों ने भी अपने विचार रखे.

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