इस दुर्घटना से नाले के घटिया निर्माण की पोल खुल गई है. भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ चुके इस नाले का निर्माण कुछ महीने पहले नहीं किया गया है. नाला निर्माण की सबसे बड़ी अनियमितता तो तब सामने आई जब नाला के निर्माण में महीनों बाद भी आज तक ना तो नाला के निर्माण के संबंध में प्राक्कलन का बोर्ड लगाया गया है और ना ही कार्य प्रारंभ से कार्य समाप्ति की तिथि, प्राक्कलन राशि का उल्लेख और न ही कहीं संवेदक का नाम उल्लेखित किया गया है.
गौरतलब हो कि मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के गरोदिया फैशन गोल बाजार से एनएच 107 की ओर आने वाली गली में सबसे बड़ी अनियमितता तब देखने को मिली है जब नाले के बगल में ही नाले का निर्माण किया गया. जहां पूर्व से ही नाला निर्माण किया हुआ था. फिर भी उस गली में 77 मीटर नाले का निर्माण भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया.
घटिया निर्माण के कारण नाला निर्मित होने के कुछ महीने बाद ही जगह-जगह से ध्वस्त होने लगा. दरअसल पंचम वित्ति द्वारा 11 लाख 15 हजार की राशि से मात्र 77 मीटर नाले का निर्माण करवाया गया है. जिसके संवेदक चंद्रमणि कुमार हैं, जिसकी गुणवत्ता की कलई कई बार खुल चुकी है.
बड़ी अनियमितता तो तब सामने आती है जब नाला के निर्माण से अब तक ना तो प्राक्कलन का बोर्ड लगाया गया है न ही योजना के कार्य प्रारंभ और समाप्ति की तिथि लिखी गई है और ना ही संवेदक का नाम लिखा गया.
जिस उद्देश्य की पूर्ति के लिए नाले का निर्माण किया जा गया था उस मंशा पर आज पानी फिरता नजर आ रहा है क्योंकि आए दिन बड़ी-बड़ी दुर्घटनाएं घट रही है.
आज चीनी का बोरा उठा रहे युवक चंद्र किशोर पासवान जो मुरलीगंज नगर पंचायत क्षेत्र के ही निवासी हैं ने कहा की जा कर देखिए पूर्व में भी नाले बने हुए हैं इससे कहीं ज्यादा लोडिंग गाड़ी उस नाले होकर गुजरती है और उसका बाल भी बांका नहीं हुआ है. मात्र कुछ महीने पूर्व निर्मित यह नाला अब तक 3 बार टूट चुका है.
मुरलीगंज नगर पंचायत एक तरह से नरक पंचायत बन चुका है क्योंकि नाले के निर्माण के समय उसकी गुणवत्ता और निर्माण संबंधी प्राक्कलन की जांच नहीं की जाती है. नाले के निर्माण में ठेकेदारों द्वारा घटिया मटेरियल का प्रयोग किया जाता है जिसके कारण निर्माण होने से पूर्व यह ध्वस्त होने लगता है. आज तक मुरलीगंज नगर पंचायत में विभाग के अधिकारियों द्वारा किसी संवेदक पर कोई कार्रवाई नहीं की गई है.
मामले में जब नगर पंचायत के कार्यपालक पदाधिकारी सुजीत कुमार से जानकारी मांगी गई तो उन्होंने बताया कि अभी संवेदक का पूरा पेमेंट नहीं हुआ है. यदि गुणवत्ता संबंधी कोई मामला होगा तो उसकी जांच करवाई जाएगी. यदि नाला खराब या पूरे नाले का प्लेट खराब होगा तो उसे बदलने की कार्रवाई की जाएगी.

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