अमित अंशु के निर्देशन में नवाचार रंग मंडल के द्वारा बम बम डोले मस्ती में डोले व हम लोगों को समझ सको तो समझ लो दिलबर जानी पर काफी मनमोहक डांस किया गया. इस पर बच्चों ने खूब तालियां बटोरी. और फिर नीरज कुमार के निर्देशन में बिहार की गाथा और होली गीत पर नृत्य दिखाया. इसके बाद होली गीत पर लगातार कुछ देर तक चलता रहा. वहीं बाहर से आए कलाकारों की सभी प्रस्तुतियां मंत्रमुग्ध करने वाली रहीं. सबसे पहले पटना से आए कलाकारों ने शिव झांकी प्रस्तुत किया. कलाकारों ने शिव-पार्वती को जीवंत कर दिया. वहीं बिहार की लोक संस्कृति से भी अवगत कराया. पश्चिम बंगाल के पुरुलिया जिले का प्राचीन लोक नृत्य नटुआ पेश किया. कलाकारों ने अपनी प्रस्तुति से अपने लोक संस्कृति से दर्शकों को अवगत कराया. इसके बाद कोलकाता से आए कलाकारों के समूह पंचनाद ने पेश किया. कलाकारों ने अपने शिव तांडव से मंत्र मुग्ध कर दिया.
कार्यक्रम के अंत में पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना ने जब बांसुरी वादन आरंभ किया तो समय जैसे ठहर गया. बनारस घराने से ताल्लुक रखने वाले पंडित राजेन्द्र प्रसन्ना अंतरराष्ट्रीय प्रकार से नवाजे जा चुके हैं. पंडित जी को शहनाई वादन में भी प्रसिद्धि प्राप्त है. पूरा महोत्सव स्थल दर्शकों से खचाखच भरा हुआ था.
कार्यक्रम में उद्घोषक शशिप्रभा जायसवाल और पृथ्वीराज यदुवंशी ने मंच संचालन के कौशल से मन मोह लिया.
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