मुरलीगंज प्रखंड से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद

मधेपुरा जिले के मुरलीगंज प्रखंड अंतर्गत रजनी पंचायत के वार्ड नंबर 09 स्थित मकई के खेत से बुधवार 2 फरवरी को देर शाम पुलिस ने 8 कार्टन प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद किया है. पुलिस पदाधिकारी प्रेमचंद पासवान द्वारा गुप्त सूचना के आधार पर छापेमारी की गई. शराबबंदी के बाद अब कफ सिरप को युवा नशे के रूप में प्रयोग कर रहे हैं.

नशा मुक्ति के तमाम प्रयासों के बावजूद बच्चों और युवाओं में मादक पदार्थों की लत बढ़ती ही जा रही है. नशे की यह आदत चोरी, लूटपाट, दुष्कर्म की घटना को बढ़ावा दे रही है. जानकार बताते हैं कि नशे की लत एक बीमारी है. जिसके युवा शिकार हो रहे हैं. वहीं वे अपने कैरियर के साथ खिलवाड़ भी कर रहे हैं. प्रखंड क्षेत्र के मुरलीगंज नगर पंचायत, रामपुर, मीरगंज, कार्तिक चौक, जोरगामा बेलो चामगढ़ चौक, गौशाल चौक, सिनेमा हॉल चौक पर शाम ढलते ही कफ सिरप का व्यवसाय जोर-शोर से शुरू हो जाता है. इसके अलावे आस-पास के कस्बा और गांवों के युवा पूरी तरह नशे की चपेट में आ रहे हैं.

शराबबंदी के बाद से नशे के रूप में कफ सिरप का सेवन बढ़ने लगा है. मुरलीगंज प्रखंड के ग्राम पंचायतों में प्रति बोतल कोरेक्स 200 रुपये तक में बेची जा रही है. बताया जाता है कि नशे के रूप में इसका इस्तेमाल करने वाला व्यक्ति रोजाना पांच से छह बोतल कोरेक्स गटक जाते हैं और उसके बाद रेलवे स्टेशन के पास नशे के शौकीन चीनी, रसगुल्ला, चाकलेट या मीठी चाय का सेवन करते हैं.

मुरलीगंज के एक नशेड़ी ने अपना नाम नहीं छापने के शर्त पर कहा कि यह कहां नहीं मिलता है. कई चाय या पान की दुकान एवं होटलों में भी नशे की दवाइयां आसानी से मिल जाती हैं. गौरतलब हो कि नशे की गिरफ्त में फंस कर युवा कोरेक्स के अलावे गांजा, भांग का भी नशे के रूप में उपयोग करते हैं. गरीब बच्चे सुलेशन डेंड्राइट, आयोडेक्स आदि से काम चला रहे हैं. हाल के दिनों में युवा कोरेक्स फेंसीड्रिल कफ सिरप, नींद की दवा एलजोलम आदि का उपयोग कर रहे हैं. दर्द निवारक कैप्सूल स्पासमो प्रोक्सीवोन का भी धड़ल्ले से इस्तेमाल हो रहा है. कुछ लोग कैप्सूल को कोरेक्स के साथ मिलाकर सेवन करते हैं. जिसकी वजह से खांसी में उपयोग आनेवाली दवा कोरेक्स की मांग बढ़ गयी है. इसका उपयोग नशा उत्पाद के रूप में होता है लेकन प्रशासनिक सख्ती के बावजूद जिले के कई इलाकों में कोरेक्स की बिक्री अवैध तरीके से लगातार जारी है.

वहीं मामले में जब सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा प्रभारी डॉ राजेश कुमार से जानकारी मांगी कि इस से क्या नुकसान हो सकता है तो उन्होंने बताया कि अधिक उपयोग से इंसान दिमागी नियंत्रण खो देता है. अत्यधिक सेवन करने वाला भ्रम का शिकार हो जाता है. निर्णय लेने की क्षमता हो जाती है कम. इंसान खोने लगता है आत्मविश्वास तथा शारीरिक दुर्बलता भी आ जाती है. खानपान में कमी व कब्जियत के भी शिकार हो जाते हैं. 

इसपर लगाम लगाने के लिए नशापान के विरुद्ध प्रशासन को कड़ा कदम उठाना होगा. अभिभावकों को बच्चों पर कड़ी निगरानी रखनी होगी. युवाओं को नशापान से होने वाले बीमारियों के प्रति जागरूक करना होगा. बिना चिकित्सकीय सलाह के नशीली दवाइयों की बिक्री पर प्रतिबंध लगाना होगा. बिना पर्ची के कोरेक्स बिक्री पर कड़ाई से रोक लगानी होगी.

वहीं मामले में मुरलीगंज थानाध्यक्ष अखिलेश कुमार ने बताया कि कफ सिरप बेचने वाले के विषय में जानकारी इकट्ठी की जा रही है, जल्द ही पुलिस ऐसे कई कारोबारियों को हिरासत में लेगी.

मुरलीगंज प्रखंड से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद मुरलीगंज प्रखंड से भारी मात्रा में प्रतिबंधित कफ सिरप बरामद Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on February 03, 2022 Rating: 5

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