प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान करने का आरोप

प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र शंकरपुर के चिकित्सक एवं अन्य कर्मियों ने जिलाधिकारी मधेपुरा को लिखित आवेदन देकर प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर मानसिक, शारीरीक एवं आर्थिक रूप से परेशान करने का आरोप लगाया है 

इस बावत दंत चिकित्सक डा. संगीता कुमारी, बीसीएम राजीव कुमार, स्थापना लिपिक चंदन कुमार, एएनएम स्वर्णलता, पूनम, पवन सहित सभी विभाग में कार्यरत कर्मचारियों ने जिलापदाधिकारी, सिविल सर्जन एवं आरडीडी को लिखित आवेदन में बताया कि डा. विमल कुमार जब से प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के रुप में प्रभार लिये हैं तभी से प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र अन्तर्गत लगभग सभी पदाधिकारी एवं कर्मियों से लड़ते झगड़ते रहते हैं. ऐसा प्रतीत होता है कि इनका मानसिक स्थिति ठीक नहीं हैं. जो एक पदाधिकारी के लिए जांच का विषय है. वे अधिकंश समय पीएचसी से बाहर रहते हैं. आते ही उपस्थित सभी कर्मी से बदसलूकी करने लगते हैं. 

वहीं एएनएम सपना कुमारी ने बताया कि बीमार रहने के बावजूद भी आकस्मिक अवकाश नहीं दिया जाता है. वहीं कई एएनएम ने कहा कि कोरोना काल के लिए गए ड्यूटी का वेतन नहीं मिला है. जिसकी शिकायत सिविल सर्जन को भी किया गया. एक सप्ताह का समय लिया लेकिन तीन सप्ताह बीतने के बावजूद भी वेतन नहीं दिया. कार्यरत ममता ने कहा कि पिछले छह माह से प्रोत्साहन राशि नहीं दिया गया. दशहरा, दीपावली, छठ पर्व बीत जाने पर भी राशि नहीं दिया. कहने पर टाल मटोल कर ड्यूटी से हटाने की बातें करते हैं. इन सभी समस्या को लेकर पीएचसी कर्मी ने अस्पताल परिसर में प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी के विरुद्ध वापस जाओ का नारे लगाए और काला बिल्ला लगाकर काम करने का निर्णय लिया.

इधर पीएचसी प्रभारी डॉक्टर विमल कुमार ने कहा कि हम निम्न जाति से अकेला यहां पदस्थापित हैं. साजिश के तहत हमको सभी कर्मी मिलकर टार्चर करता है. ममता एवं एएनएम के मानदेय के बारे में स्पष्ट शब्दों में कहा कि मुझे कुछ भी पता नहीं है कि वेतन कब मिलता है और कौन देता है. रोस्टर के अनुसार हम ड्यूटी करते हैं. हमारे साथ यहां के कुछ कर्मी जान से मारने के नियत से मारपीट करने पर उतारू हो गए. 

वहीं पीड़ित दंत चिकित्सक डॉक्टर संगीता कुमारी ने बतया कि मानक के अनुसार ओपीडी में ईलाज के लिए एक भी चेयर एवं उपकरण उपलब्ध नहीं कराया गया है. शिकायत करने पर प्रभारी के द्वारा भद्दी-भद्दी भाषा का प्रयोग कर धमकाया जाता है. निम्न लिपिक सह स्थापना प्रभारी चंदन कुमार ने बताया कि चिकित्सा पदाधिकारी का पद सम्मानित है. हम उनका आदर करते हैं लेकिन वे किसी भी बात में बार-बार मानसिक संतुलन खो देते हैं और अनाप शनाप भाषा का प्रयोग करते हैं.

प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान करने का आरोप प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी पर मानसिक एवं आर्थिक रूप से परेशान करने का आरोप Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on December 07, 2021 Rating: 5

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