दो दिवसीय सेमिनार 20 और 21 नवंबर को कॉलेज परिसर में होगा. सेमिनार में राष्ट्रीय और प्रांतीय स्तर के विद्वानों सहित शोधार्थियों, शिक्षाविदों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और छात्रों का व्याख्यान होगा. सेमिनार की तैयारी के लिए कॉलेज के शिक्षकों और कर्मचारियों को दायित्व सौंपा गया है. सेमिनार की सफलता के लिए शनिवार को कॉलेज के प्राचार्य डॉ. पीएन पीयूष ने प्रेस वार्ता कर इसकी जानकारी दी.
प्राचार्य डॉ. पीयूष ने कहा कि समसामयिक विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में कई उप विषय को भी शामिल किया गया है. उन्होंने बताया कि पर्यावरणीय हस का सामाजिक व आर्थिक प्रभाव विषय पर आयोजित राष्ट्रीय सेमिनार में पर्यावरणीय गिरावट का आर्थिक प्रभाव, पर्यावरणीय गिरावट का सामाजिक प्रभाव, स्मार्ट कृषि के लिए वानिकी, मिट्टी और जल संरक्षण, जैव उपचार, नवीकरणीय ऊर्जा और ऊर्जा संरक्षण, औद्योगिकरण और पर्यावरणीय गिरावट पर इसका प्रभाव, सरकार की नीति और पर्यावरण संरक्षण के नियम, पर्यावरण संरक्षण में एनजीओ/वीओ की भूमिका, पर्यावरण अनुसंधान में हालिया प्रगति पर मंथन होगा. डॉ. पीयूष ने बताया कि संगोष्ठी का मुख्य उद्देश्य शिक्षाविदों, उद्योगपति, नीति निर्माताओं, सामाजिक कार्यकर्ताओं, शोधार्थियों और छात्रों को मानव कल्याण के लिए हमारे पर्यावरण की रक्षा के लिए लोगों में जागरूकता विकसित करने के लिए ज्ञान और उनके अनुभवों का आदान-प्रदान करने के लिए एक मंच प्रदान करना है.
उन्होंने कहा कि जब से लोगों ने प्राकृतिक संसाधनों का अत्यधिक दोहन किया है, पर्यावरण की गुणवत्ता बिगड़ने लगी है. वायु, जल, भूमि और मृदा प्रदूषण, ठोस और खतरनाक अपशिष्ट, वनों की कटाई, मिट्टी का कटाव, गाद और बाढ़ की बढ़ती घटनाएं पर्यावरण की गुणवत्ता में गिरावट के उदाहरण हैं. पर्यावरण की गुणवत्ता धीरे-धीरे बिगड़ रही है और लगातार मानव सुरक्षा के लिए खतरा बनते जा रही है. प्राचार्य ने कहा कि सेमिनार से निकले विचार से समाज और देश को फायदा होगा. उन्होंने इसकी सफलता के लिए सभी शिक्षक, शोधार्थी, छात्र और समाज के प्रबुद्ध लोगों को सहयोग करने की अपील की.
सेमिनार आयोजन समिति के संयोजक डॉ. सत्येंद्र कुमार ने विस्तृत जानकारी देते हुए बताया कि राष्ट्रीय संगोष्ठी में ऑनलाइन और ऑफलाइन के माध्यम से पंजीकृत डाक के माध्यम से ब्रोशर और पंजीकरण फॉर्म प्राप्त करने के लिए पंजीकरण कर सकते हैं या कॉलेज कार्यालय से इसे प्राप्त कर सकते हैं. सेमिनार में पोस्टर प्रजेंटेशन भी आयोजित किया जाएगा. तीन बेहतर प्रतिभगियों को अवार्ड भी दिया जाएगा. उन्होंने बताया कि 30 सितंबर तक रजिस्ट्रेशन कराने वाले एकेडिमिशियन को 12 सौ रुपये, रिसर्च स्कॉलर को एक हजार और छात्र को आठ सौ रुपये शुल्क जमा करना होगा. जबकि विलंब शुल्क के साथ 15 नंवंबर तक रजिस्ट्रेशन कराने वाले को क्रमशः 15 सौ, 12 सौ और एक हजार रुपये शुल्क जमा करना होगा.
वहीं आयोजन सचिव डॉ. अरविंद कुमार और सह सचिव डॉ. नवीन कुमार सिंह ने बताया कि कॉलेज में शैक्षणिक माहौल बनाने के लिए सेमिनार मील का पत्थर साबित होगा. उन्होंने सभी छात्रों, शिक्षकों और प्रबुद्ध वर्ग के लोगों से सेमिनार में भाग लेने की अपील की है.
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