शिवाली के साथ नाल पर बिनोद केसरी और तबला पर अरविंद कुमार ने संगत किया. शिवाली ने समां जलाये रखना, जब दीप जले रखना गजल गाकर ऑनलाइन दर्शकों की वाहवाही ली. इसके बाद उन्होंने है जिंदगी कितनी खूबसूरत जिन्हें अभी तक पता नहीं, पनिया के जहाज पर पलटनिया बनी अहिह हो की प्रस्तुति दी. दर्शकों की मांग पर उन्होंने पूर्वी लोकगीत छाडी के विदेशवा गैलेय सुधियो नैय लेलेय निर्मोही सैंया, ये कागज की कस्ती वो बारिश का पानी ने लोगों की वाहवाही लूटी. बड़ी संख्या में ऑनलाइन श्रोता के डिमांड के अनुरूप शिवाली की प्रस्तुति ने लोगों को झूमने पर मजबूर कर दिया. श्रोताओं की बढ़ती मांग के कारण करीब दो घंटे तक समां बांधे रही. लोगों ने कमेंट के माध्यम से शिवाली की आवाज और गायकी की सराहना की. लोग प्रांगण रंगमंच के ऑनलाइन संगीत कार्यक्रम की तारीफ करते रहे.
संस्था के अध्यक्ष डा. संजय कुमार परमार ने कहा कि पिछले रविवार को लोकप्रिय गायिका आरती आनंद की प्रस्तुति ने भी खूब वाहवाही लूटी थी. उन्होंने कहा कि कलाकारों की लगातार बढ़ रही मांग को देखते हुए संस्था इसका दायरा बढ़ाने पर विचार कर रही है. सचिव अमित आनंद, शशिभूषण ने कहा कि आज के कोरोना संक्रमण में संगीत लोगों में नयी ऊर्जा का संचार करता है. लोग मानसिक रूप से तरोताजा हो रहे हैं. संस्थापक सदस्य दिलखुश ने लाइव कार्यक्रम की तकनीकी सहायता सफलता पूर्वक किया. उन्होंने कहा कि आगामी रविवार को अर्जुन रॉकी और सोनी यदुवंशी का गायन निर्धारित है.
वहीं कार्यक्रम को सफल बनाने में अभिषेक सोनी, अक्षय कुमार, बबलू कुमार, सुभाष, शशिभूषण, आशीष सत्यार्थी, नीरज कुमार निर्जल, अभिषेक आचार्य, चंदन कुमार, विक्की विनायक, शिवानी अग्रवाल, शिवांगी गुप्ता व अन्य ने सक्रिय भूमिका निभाई.
(रिपोर्ट: दिलखुश कुमार)
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