खिलवाड़: डीलरों द्वारा दिया जाने वाला चावल जानवरों के खाने लायक भी नहीं

मधेपुरा जिले के चौसा प्रखंड के सभी पंचायत में डीलरों के द्वारा दिया जाने वाला चावल खाने योग्य नहीं रहने की वजह से लोग आधे वजन में व्यापारी से दूसरा चावल बदलने को मजबूर.

मालूम हो को प्रखंड के विभिन्न पंचायतों में डीलरों के द्वारा वितरण किया जाने वाला चावल खाने योग्य नहीं होता है जिस वजह से आम लोगों को मजबूरन उस चावल को आधे वजन में व्यापारियों से बदलने को मजबूर होना पड़ता है. बीते दिन मधेपुरा टाइम्स की टीम नरसंडा पंचायत में समाचार संकलन के लिए गई हुई थी. इसी बीच एक गांव में देखा गया कि एक टेंपो को बहुत सारे लोग घेरे हुए थे. लगा की कोई घटना घट गई है लेकिन जब पास जाकर देखा गया तो टैंपू पर चावल की बोरी रखी हुई थी और नीचे भी चावल की बोरी थी. 

लोगों से इस माजरे के बारे में पूछा गया  तो लक्ष्मी देवी, सावित्री देवी, मुन्नी देवी, कंचन देवी, माला देवी, सुभद्रा देवी,

मंटू कुमार, सिकंदर कुमार, प्रदीप मंडल, वासुदेव शर्मा, विलक्षण शर्मा, दिलीप शर्मा, ने बताया कि हम लोग चावल बदलवा रहे हैं. डीलरों के द्वारा जो चावल दिया गया है उन्होंने दिखाते हुए कहा कि इसमें देखिए कितना मिट्टी और कंकड़ है. यह चावल तो जानवर भी नहीं खाएगा तो हमलोग कैसे खाएंगे. डीलर को जब हमलोग कहते हैं तो वो कहता है कि हम अपने घर में तो नहीं बनाए हैं. ये सरकारी गोदाम से हम को दिया जाता है और हम आप लोगों को देते हैं. बात भी सही है लेकिन सवाल यह भी है कि गोदाम में ऐसा चावल आता कहाँ से है ? क्या इसकी जांच नहीं होती है ? 

जबकि कुछ दिन पहले खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह ने कहा कि राशन कार्डधारियों को घटिया या गुणवत्ताहीन अनाज देने की कोशिश की गयी, तो डीलर और अन्य दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. मंत्री ने कहा कि राशन कार्डधारियों को घटिया गुणवत्ताहीन अनाज देने की शिकायत मिलने पर डीलर समेत अन्य दोषी कर्मियों पर कठोर कार्रवाई की जायेगी. मंत्री ने संबंधित पदाधिकारियों को हिदायत दी है कि कहीं से भी घटिया अनाज आपूर्ति की शिकायत मिलने पर तत्काल चौबीस घंटे के अंदर अनाज बदलकर गुणवत्तापूर्ण अनाज डीलर को मुहैया करायी जाये ताकि डीलर समयानुसार लाभार्थियों को अनाज आपूर्ति करा सकें. तो आखिर उनका ये आदेश कहाँ सुरक्षित रख दिया गया है ? या ये आदेश जुमलेबाजी था.

खराब चावल के बारे में कई डीलरों से बात की गई तो उन्होंने कहा कि हम को ऊपर से जैसा चावल आता है हम वही वितरण करते हैं. इस चावल की वजह से आए दिन डीलरों के खिलाफ विरोध प्रदर्शन होता रहता है. आखिर इस तरह के चावल को डीलर तक पहुँचाने के जिम्मेदार कौन हैं ? क्या खाद्य एवं उपभोक्ता संरक्षण विभाग की मंत्री लेसी सिंह की बातों को असली जामा पहनाया जाएगा या इसी तरह गरीबों का अनाज आधा होता रहेगा.

खिलवाड़: डीलरों द्वारा दिया जाने वाला चावल जानवरों के खाने लायक भी नहीं खिलवाड़: डीलरों द्वारा दिया जाने वाला चावल जानवरों के खाने लायक भी नहीं Reviewed by मधेपुरा टाइम्स on June 29, 2021 Rating: 5

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