एक तरफ कोरोना की दूसरी लहर से किसानों की परेशानी बढ़ा दी है वहीं दूसरी तरफ फसल का बीज सरकार की तरफ से किसानों को उपलब्ध नहीं कराया जा रहा है, जिससे उनकी मुश्किलें बढ़ गई है. कोरोना के कारण इस वर्ष किसानों को धान सहित अन्य फसलों का सरकारी बीज मिलने में देरी की आशंका है. कृषि विभाग की माने तो बीज के लिए रजिस्ट्रेशन कराने वाले किसानों को विभाग की ओर से ओटीपी भेजने का कार्य शुरू कर दिया गया है लेकिन अब तक बीज नहीं मिलने से किसानों को परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. जबकि प्रखंड में 90 प्रतिशत आबादी खेती पर निर्भर है. खासकर धान की खेती इस इलाके के किसानों के लिए जीविका का बड़ा साधन है. ऐसे में रोहिणी नक्षत्र के शुरू होते ही यहां के किसान धान का बिचड़ा तैयार करने में जुट गए हैं.
इधर किसानों को समय पर अनुदानित धान बीज नहीं मिलने के कारण बाजार से महंगे दाम पर बीज खरीदने की चिंता सता रही है. यास तूफान में हुई तेज बारिश के बाद खेतों में पानी भी जमा है. इस कारण किसान खेतों में धान का बीज डालने के लिए खेत को तैयार कर लिया है.
रजिस्ट्रेशन के बाद मिला सिर्फ ओटीपी
कृषि विभाग से अनुदानित बीज प्राप्त करने को लेकर किसानों को कृषि विभाग के साइट पर रजिस्ट्रेशन कराना जरूरी होता है. बगैर रजिस्ट्रेशन के किसानों को बीज नहीं मिल सकता है. विभाग की ओर से बीज के लिए रजिस्ट्रेशन को लेकर 31 मई की तिथि निर्धारित कर रखा गया था. अंतिम तारीख बीत जाने के बाद अब कुछ किसानों के मोबाइल पर ओटीपी भेजा गया है.
वहीं कृषि पदाधिकारी काशी नाथ सिंह ने बताया कि जिले में बीज नहीं होने के कारण अब तक किसानों को उपलब्ध नहीं कराया जा सका है. किसानों के लिए धान की बोआई करने का समय बीतता जा रहा है, लेकिन विभाग की ओर से किसानों को मिलने वाला अनुदानित बीज किसानों को नहीं मिल रहा है. इससे किसानों को बाजार से अधिक कीमत पर धान का बीज खरीदना पड़ रहा है.
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