ये समय परिवार को बचाने का है.
ऐसे में खासकर बिहार के लोगों को जागरूक करने के लिए बॉलीवुड में स्थापित मधेपुरा के गीतकार राजशेखर ने लोगों को गाँव-घर की भाषा में समझाने के लिए एक बेहतरीन गीत लिखा है, 'फेरो कहियो बुझले बात, दूरे-दूर काते-कात'. गीत को आवाज दिया है अरूणदेव यादव ने. गाने की शुरुआत बेहद रोचक है, जिसमें एक व्यक्ति जब दूसरे से पूछता है कि कोरोना में कहाँ जा रहे हैं? तो दूसरा कहता है कि एक शादी-ब्याह है घर में, थोड़ा 'मार्केट' करने जा रहे हैं, जल्दिये लौट जायेंगे. इसे बात पर पहला व्यक्ति जागरूक करते क्या-क्या करना चाहिए, सारी बात अपनी भाषा में समझा देता है.
इस गाने को कोसी में कोरोना काल में भी लोगों की मदद को सामने आ रही कई संस्था गाँव-गाँव में प्रचारित कर रही है और गीत रोचक और सरल भाषा में होने की वजह से लोगों की जुबान पर खूब चढ़ रहा है. पूरा गाना यहाँ आप भी सुनिए और सिर्फ सुनिए ही नहीं लोगों में इसे फैलाइये. साथ ही साथ इसका पालन खुद करते लोगों से भी करवाइए, तब ही अपने घर के गीतकार और गायक की मेहनत की सार्थकता होगी.
(Report: R.K. Singh)
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