कोरोना काल में रक्षक की जगह पूर्णियां पुलिस जवान बना भक्षक, पुलिस का एक और अमानवीय चेहरा बेनकाब (वीडियो)
दरसअल पूर्णियां जिले के मोहनपुर सहायक थाना की पुलिस की अमानवीय चेहरा सामने आया है । बता दें कि आरोप है कि एक मुर्गी वाहन के चालक से गस्ती के दौरान लॉक डाउन का अनुपालन करवा रहे पुलिस अधिकारी और पुलिस जवान बीच सड़क सड़क पर वाहन रोक कर अवैध रुपये की वसूली कर रहे थे । लेकिन दुर्भाग्यवश वाहन चालक ने पुलिस जवान और अधिकारी को बोला हजूर मेरे पास आज आपको देने के लिए कुछ नहीं है. आलम ये है कि पूरे दिन मैं भूखा हूँ. बस इतनी सी बात पर बिहार पुलिस ने निर्लज्जता की हद पार कर दी.
बताया जाता है कि पूर्णियां जिले के भवानीपुर थाना अंतर्गत सुपौली निवासी रंजन मंडल चालक पिकअप वेन के पोल्ट्री फार्म चालक मुर्गी लाने हेतु भागलपुर जा रहा था. इसी बीच डोभा पुल के पास मोहनपुर की ओपी पुलिस ने रोक कर उससे पूछताछ की तथा चालक से सड़क पर चलने हेतु अवैध रुपये की मांग की. पीड़ित के द्वारा कहे जाने पर कि मेरा सारा पेपर ठीक है तो किस चीज का रुपया देंगे और देते भी तो आज मेरे पास खुद खाना खाने के लिए रुपये नहीं है. फिर जाने क्या हुआ लेकिन चालक ने कहा कि सर मैं आज जा रहा हूँ फिर कभी लौटूंगा तो आपका फीस दे दूंगा । इसके बाद पुलिस जवान और अधिकारी ने कहा जाओ लेकिन बाद में फिर उसने पीछा करते हुए चौसा थाना अंतर्गत अरजपुर पूर्वी पंचायत के सोनवर्षा टोला में वाहन के चालक को रोककर बुरी तरह से मारपीट किया.
ग्रामीण पुलिस से उलझे तब पुलिस भागी
जिसके बाद ग्रामीणों ने बीच बचाव किया और फिर पुलिस से ग्रामीण उलझ पड़े ग्रामीणों को उलझ ते देख मोहनपुर ओपी पुलिस और पुलिस जवान अपना दामन छुड़ा भाग निकले ।हालांकि मामला इतना उकझ चुका था कि पुलिस जवान और अधिकारी की जमकर पिटाई हो जाती लेकिन ग्रामीणों के बीच-बचाव को लेकर पुलिस की जान बच गयी. जिसका वीडियो वायरल हो रहा है. चालक को स्थानीय लोगों ने चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र में भर्ती करवाया जहाँ चालक का इलाज चल रहा है। हालांकि गाड़ी मालिक प्रेम कुमार का कहना है कि गाड़ी में रखें 2 लाख रुपये भी गाड़ी से गायब है जो चालक को मुर्गा खरीदने के लिए दिया गया था. मुर्गा व्यवसायी का आरोप है कि पुलिस मारपीट के बाद चालक से रुपये लेकर फरार हो गई ।
हालांकि इस मामले को लेकर मधेपुरा टाइम्स ने पूर्णियां एसपी को सूचना दिया और घटना की जानकारी दी. पूर्णिया एसपी ने कहा कि इस घटना के संदर्भ मेंअनुमंडल पुलिस पदाधिकारी से विस्तृत जांच प्रतिवेदन की माग की गई है. अब देखना है कि पुलिस की वर्दी का खौफ दिखाकर ऐसे अमानवीय कृत्य के लिए पुलिस जवान को क्या सजा मिलती है या ये मामला भी यूँ ही रफादफा कर दिया जाता है.
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