बताया जाता है कि पूर्णियां जिले के भवानीपुर थाना अंतर्गत सुपौली निवासी रंजन मंडल चालक पिकअप वैन पोल्ट्री फार्म का मुर्गी लाने भागलपुर जा रहा था. इसी बीच डोभा पुल के पास मोहनपुर की ओपी पुलिस ने रोक कर उससे पूछताछ की तथा चालक से रुपये की मांग की. पीड़ित के द्वारा कहे जाने पर कि मेरा सारा पेपर ठीक है तो किस चीज का रुपया देंगे तो फिर जाने को कहा. फिर उसने पीछा करते हुए चौसा थाना अंतर्गत जयपुर पूर्वी पंचायत के सोनवर्षा टोला में रोक कर बुरी तरह से मारपीट किया. जिसके बाद ग्रामीणों ने बीच बचाव किया और पुलिस से ग्रामीण उलझ पड़े. ग्रामीणों को उलझते देख मोहनपुर ओपी पुलिस अपना दामन छुड़ा कर भागे. जिसका एक वीडियो भी वाइरल हुआ है तथा चालक को चौसा सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र लाया गया जहां उस का इलाज डॉ राकेश कुमार के द्वारा किया गया.
हालांकि गाड़ी मालिक प्रेम कुमार का कहना है कि गाड़ी में रखे ₹210000 गाड़ी से गायब है जो चालक को मुर्गा खरीदने के लिए दिया गया था. जिस का आरोप पुलिस प्रशासन पर ही लगाया जा रहा है. कहा कि मेरी गाड़ी को पुलिस के द्वारा ही चलाकर ले जाने की कोशिश किया गया था लेकिन ग्रामीणों ने रोक दिया. उसी समय रुपया गायब कर दिया गया है.
इस संदर्भ में जब मोहनपुर ओपी अध्यक्ष रवि लाल साह से दूरभाष पर बातचीत होने पर उन्होंने कहा कि चालक को गार्ड के द्वारा हाथ रोकने के लिए हाथ दिया गया लेकिन वह नहीं रुका. जिसके बाद उसका पीछा करते हुए मधेपुरा जिले के चौसा थाना क्षेत्र में उसको पकड़ा गया और सिपाही तो नौजवान होता है जानते ही हैं, वह पीट दिया जिसको उसने खुद स्वीकार किया है.
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