उक्त गोल-मोल जबाव से शिक्षक बहाली मोर्चा मधेपुरा के जिला अध्यक्ष रणधीर कुमार ने प्रेस कॉन्फ्रेंस का कड़ा विरोध किया. जिला अध्यक्ष ने कहा है कि शिक्षामंत्री का यह बयान पूरी तरह से गैर जिम्मेदाराना है. वास्तविकता यह है कि सरकार और शिक्षा मंत्री कभी भी इस दिशा में कोई दिलचस्पी दिखाई ही नहीं है. उसी का परिणाम है विगत कई वर्षों से शिक्षक अभ्यर्थी शिक्षक उत्तीर्णता परीक्षा पास कर नौकरी नहीं मिलने से मानसिक, आर्थिक, सामाजिक तनाव को झेल रहे हैं. आज शिक्षा मंत्री के इस बयान के खिलाफ शिक्षक अभ्यर्थियों के द्वारा twitter पर हैसटैग #शिक्षामंत्रीगैरजिम्मेदारहै पूरे दिन टाप टेन में ट्रेंड करता रहा.
शिक्षक बहाली के जिला मीडिया प्रभारी ब्रजेश राजधान ने कहा कि वर्तमान शिक्षा मंत्री माननीय विजय चौधरी जी सिर्फ सवालों के गोल-गोल व मधुर स्वर में आश्वासन देना जानते हैं, जो स्टूडेंट्स/युवा/युवती के लिए कई सालों से मीठा जहर बनकर लाइफ को बर्बाद कर रही है. कई अभ्यर्थियों ने कोरोना काल में पैसे के अभाव में अपनी जान गवां दी.
प्रवक्ता गौतम कुमार ने कहा कि शिक्षामंत्री आजकल हेल्थ डिपार्टमेंट के भी प्रचार मंत्री का अतिरिक्त प्रभार देख रहे हैं. जिनके कई सबूत आपको इनके ट्विटर हैंडल पर देखने को मिलेंगे या फिर नीतीश कुमार जी का तारीफ के पुल बांधते फिरेंगे. शिक्षा विभाग व टीचर बहाली की इनको तनिक भी चिंता नहीं है.
अभ्यर्थियों ने एक स्वर में अपील करते हुए कहा कि शिक्षामंत्री सूबे के स्कूलों में टीचर की घोर कमी को दूर करवायें. टीचर बहाली 94 हजार 6ठा चरण का एवं 37 हजार हाई स्कूल एवं प्लस टू की बहाली अबिलम्ब पूरा करवायें. STET 2019 की परीक्षा आपने ऑनलाइन मोड में ली व 12 मार्च को तीन विषय को छोड़कर रिजल्ट जारी किए हैं. 3 विषयों का रिजल्ट देकर STET 2019 की बहाली में बिना कोई अड़चन लगाए बहाली ऑनलाइन व सेंटरलाइज तरीके से पूर्ण करावें.
इस मुहिम को सफल बनाने में सहयोग दे रहे शिक्षक अभ्यर्थी- आनंद भूषण, सारंग तनय, ई. प्रिती सागर, रामाशीष, रंजन यादव, सुधीर, ललन, स्मिता कुमारी, कंचन माला, निक्की कुमारी, हरिश्चन्द्र कुमार, दिलीप कुमार दिल, विनोद, अभिनंदन कुमार, ब्रजेश राजधान, रतन, आभाष, शिवानी प्रिया, विभिषण, पंकज पथिक, मुन्ना,अनिल, अजित, बबूल, पिंटु, तेजनारायण, शलैन्द्र कुमार, आलोक, गौतम, शंकर, शबनम कुमारी, भारती कुमारी, सोनी राज, रंजीत, प्रमोद इत्यादि का भरपूर सहयोग मिला. सभी शिक्षक अभ्यर्थियों ने एक स्वर में कहा कि यदि सरकार हम लोगों की बहाली समय सीमा के अंदर जल्द पूरी नहीं करती है तो हम लोग सड़कों पर उतर कर आंदोलन के लिए बाध्य हो जाएंगे.
(नि. सं.)
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