उक्त जानकारी सृजन दर्पण के सचिव विकास कुमार ने दिया. डॉ. एस. एन. यादव ने कहा बदलती हुई जीवन शैली के कारण मधुमेह आज एक समान सी बीमारी हो गई है, जिसके शिकार बच्चे से लेकर बूढ़े तक हो रहे हैं और फिर मधुमेह अपने साथ कई तरह की बीमारी लाती है. ऐसी स्थिति में समय रहते इसका पता चल जाने से इसे सहजता से काबू में लाया जा सकता है. डॉ दिलीप कुमार सिंह ने कहा कि तेज भूख प्यास थकान एवं कमजोरी मधुमेह का लक्षण है. यह लक्षण इतना स्वाभाविक लगता है कि लोग इस पर ध्यान नहीं दे पाते हैं इसलिए इस तरह का जांच शिविर बहुत उपयोगी है. इससे पीड़ित व्यक्ति का पता लगाकर समय रहते सही सुझाव दिया जा सके.
डॉ आरके पप्पू ने कहा ऐसे कार्यक्रम यदि योजना बद्ध तरीके से किया जाए तो अधिक से अधिक लोगों को लाभान्वित किया जा सकता है. डॉ संतोष कुमार ने कहा कि खून में चीनी का बढ़ जाना मधुमेह है. संयमित भोजन या दवाई से इसे काबू में रखना ही इसका इलाज है. युवा डॉ विनय कुमार ने कहा कि मधुमेह का जितना जल्द पता चल जाए इसे ठीक करना उतना ही आसान होता है और इससे क्षति भी उतनी कम होती है. इसलिए जांच हेतु जागरूकता जरूरी है.
इस अवसर पर मधुमेह की जांच हेतु कई लोग का सैंपल लिया गया. मौके पर डॉ शिवम कुमार, विकास कुमार, स्कूल के शिक्षक एवं बच्चे मौजूद थे. जांच शिविर के संयोजक आर.के. राणा ने कहा कि जागरूकता हेतु यह सात दिवसीय शिविर अलग-अलग जगहों पर किया जाएगा. 5 को राजपुर, 6 को भर्राही, 7 को सिंहेश्वर, 8 को बेलारी, 9 को साहुगढ़ एवं 10 मार्च को मधेपुरा में लगाया जाएगा.
(नि. सं.)

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