देश की तरक्की अमन, चैन व कोरोना जैसे महामारी से निजात पाने के लिए सभी ने एक साथ दुआ मांगी. जलसा कार्यक्रम में देश के अन्य राज्य से इस्लाम धर्म के बड़े-बड़े विद्वान धर्मगुरु ने शिरकत किया. जलसा में शिरकत किए मुफ्ती कैयुम बिहार, मौलाना कफी अशरफ लखनऊ, मौलाना नौशाद नुरी यूपी देवबंद, चतुर्वेदी खालिद सेफुला कोलकाता, मुफ्ती मुबारक हुसेन, चतुर्वेदी अब्दुल माजिद हुसैन साहब ने शिरकत किया. कार्यक्रम का आगाज कुरान की तिलावत से किया गया. कुरान की तिलावत सुरीली आवाज में इस तरह लोगों के सामने पेश किए मजमा में मौजूद सभी के चेहरे पर खुशी का माहौल देखा गया. मुफ्ती मुबारक हुसैन साहब ने जलसा में शिरकत किए इस्लाम धर्म अधर्म के चाहने वाले आवाम (लोगों) को संबोधित करते हुए कहा हमारा ईमान सबसे बड़ा दौलत है. अगर ईमान की हिफाजत नहीं हुई तो सब कुछ बेकार है. इंसान अपना वक्त बाजार में फालतू वक्त बर्बाद करते हैं जिससे घर परिवार हमेशा बेचैन रहता है. देश में अमन चैन की सभी ने दुआ मांगी. मुल्क में नफरत बांटने वाले से भी मोहब्बत करने की पैगाम इस्लाम धर्म देता है.
उन्होंने कहा समाज में जब यह बुनियाद कमजोर पड़ने लगता है तो जलसा कॉन्फ्रेंस सेमिनार के माध्यम से जिंदगी जीने का तरीका को याद दिलाता है. समाज को बुराई से पाक रखा जाय साथ ही नफरत को मुहब्बत के पैगाम से एक दूसरे धर्म वाले का इज्जत किया जाय. उन्होंने कहा आपसी भाईचारे का सुलूक रखा जाय किसी प्रकार का भेदभाव नहीं हो यह इस्लाम धर्म सिखाता है. चतुर्वेदी अब्दुल माजिद ने कहा जिस शख्स ने अपना जिंदगी नवी के रास्ते पर नहीं चला उसके लिए जन्नत आसान नहीं है. जो अपना जिंदगी मन मना जीने का काम करेगा वह इस जिंदगी में दुखी रहेगा. मरने के बाद भी जिंदगी दुःखी रहेगा. मंच संचालन मोहम्मद रियाजुद्दीन ने किया. हजारों की संख्या में मौजूद लोगों ने इस्लाम धर्म के धर्म गुरु के साथ देश की तरक्की अमन, चैन व कोरोना जैसी महामारी से निजात पाने के लिए सभी ने एक साथ दुआ मांगी.
आयोजन समिति के द्वारा गाइड लाइन, सुरक्षा का पालन करने के लिए दर्जनों कार्यकर्ता मुस्तैद दिखे. बाहर से आने-जाने वाले मेहमानों के लिए सभी प्रकार की व्यवस्था कमेटी द्वारा किया गया है. सुरक्षा, मेडिकल टीम सहित अन्य सुविधा मुहैया किया गया है. आयोजक समिति के सदस्य मोहम्मद खुर्शीद आलम, मोहम्मद नसीम आलम, मोहम्मद मुश्फिक आलम, आलमगीर हुसैन, फैयाज आलम, सदरे आलम, मुर्शीद आलम, महताब आलम मुजाहिद आलम, तौकीर आलम, मो० इस्लाम, मोनू आलम, डॉ डीजे आलम, मोहम्मद कलीम, भागवत प्रसाद यादव, अनमोल प्रसाद यादव, संत कुमार यादव व बिंदेश्वर राम समेत कार्यक्रम में हजारों की तायदाद में लोग मौजूद थे.
(रिपोर्ट: मीना कुमारी)

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