दरअसल बुधवार की रात थाना में हुए हमले में पुलिस को जानकारी मिली कि शहर और आसपास के कई लॉज में छात्र के अलावे असामाजिक तत्व और अपराधी ने अपनी शरण स्थली बना रखी है. थाना पर हमले मामले में घटना में छात्र के साथ असामाजिक तत्व भी शामिल थे. इस बात को लेकर पुलिस ने लॉज संचालकों को बैठक में उनके लॉज में रहने वाले छात्रों की सूची देने के लिए बुलाया था लेकिन बैठक में मात्र 09 लॉज संचालक ही शामिल हुए. सदर एसडीपीओ अजय नारायण यादव ने थाना पर हमले की घटना को निंदनीय बताते हुए कहा कि यह शहर आपका है, हम लोग तो आते-जाते रहेंगे लेकिन शहर को सजाने और सवांरने में आपका सहयोग जरूरी है. बैठक में सूचना के बावजूद मात्र 09 लॉज संचालक के शिरकत करने पर नाराजगी जताते हुए कहा कि थाने में घटित घटना में छात्र के साथ-साथ असामाजिक तत्व भी शामिल थे. घटना में कौन-कौन लोग शामिल थे, पुलिस को सब पता है, कानून से ऊपर कोई नहीं है.
जानकारी यह भी मिली सहरसा और सुपौल जिले से सूचना मिल रही है कि अपराधी मधेपुरा के विभिन्न लॉज में रहते हैं. कहा गया कि लॉज संचालक को पता होना चाहिए कि उनके लॉज में रहने वाले लोग कौन है, अगर गड़बड़ी होती है तो उसकी जिम्मेदारी लॉज संचालक की होगी. अक्सर पढ़ने वाले छात्र के आड़ में अपराधी शरण लेते हैं. जिसका खामियाजा छात्र और लॉज संचालक भुगतता है. उन्होने कहा कि नगर परिषद के कार्यपालक पदाधिकारी से जल्द से जल्द शहर के सभी वार्ड पार्षद के साथ बैठक कर उनके वार्ड में मौजूद सभी लॉज की सूची प्राप्त करें, साथ ही लॉज या कोचिंग सेंटर का रजिस्ट्रेशन आदि की जानकारी अगले बैठक में रखने की बात कही गई. एसडीपीओ ने कहा कि आगामी 2 फरवरी को लॉज संचालक, कोचिंग संचालक और नगर के प्रबुद्ध नागरिक के साथ जिला और पुलिस प्रशासन के साथ बैठक होगी.
बैठक में थानाध्यक्ष सुरेश कुमार सिंह ने कहा कि आज की बैठक की तीन महत्वपूर्ण बात है. पूर्णिया गोला चौक पर कोचिंग संचालक के पास बाइक के कागजात नहीं रहने के कारण पुलिस की मजबूरी थी कि जब तक बाइक की पूरी जांच न हो जाय तब तक नहीं छोड़ा जाय. इसी कारण बाइक तत्काल जब्त कर थाना लाया गया. इसी बात को लेकर कोचिंग संचालक पुलिस के साथ दुर्व्यवहार किया, साथ ही फेसबुक पर छात्रों को भड़का दिया. दूसरी ओर पुलिस पर दबाव बनाने के लिए छात्रों ने सड़क जाम कर दिया. पुलिस दबाव में दुर्व्यवहार होने के बावजूद उनकी मांग मान ली लेकिन उनकी मंशा थी कि पुलिस उनसे उलझे और लाठी चार्ज, गोलीबारी करे लेकिन ऐसा नहीं होता देख पूर्व प्रायोजित योजना के तहत थाना परिसर में घटना को अंजाम दिया गया. एक आरोप के जवाब में सदर थानाध्यक्ष ने कहा कि हमलोग राम और कृष्ण के सिद्धान्त पर चलकर काम करते हैं. किसी के दवाब में किसी को नहीं छोड़ दिया, यह खुले मंच से कह रहा हूं कोई प्रमाण दे.
सुझाव की मांग पर समाजसेवी मो. शौकत अली ने कहा कि लॉज में रह रहे असामाजिक तत्त्वों के कारण अधिक क्राइम होता है. थाना में घटित घटना भी इसका एक पहलू है लेकिन पुलिस के संयम से एक बड़ी घटना टल गई. वहीं विष्णुदेव यादव विक्रम ने कहा कि क्राइम का मुख्य कारण अवैध शराब और कोरेक्स है, इस पर अंकुश लगाना जरूरी है. वहीँ दीपक कुमार ने शहर के कुछ महत्वपूर्ण जगहों पर जहां खुले आम युवक कोरेक्स का सेवन करते हैं, की जानकारी दी. एसडीपीओ ने ऐसे जगहों को चिन्हित करते हुए कार्रवाई करने का आदेश पुलिस को दिया.
आज की बैठक में प्रभारी एसडीएम गोपाल प्रसाद, बीडीओ गौतम आर्य, कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद प्रवीण कुमार, भाजपा के जिलाध्यक्ष स्वदेश कुमार, इन्द्रनील घोष, मो. शौकत अली, विष्णुदेव विक्रम, उमेश यादव, गणेश गुप्ता, ध्यानी यादव, मो. आलम, मो. हीरा, सिंहेश्वरी यादव, मो. कारी, दीपक कुमार सहित बड़ी संख्या में अन्य की उपस्थिति रही.
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