सड़क मरम्मतीकरण सहित धूल पर नियंत्रण के लिए प्रशासन की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है. इसके कारण लोग एलर्जी का शिकार हो रहे हैं. गड्ढों से मुक्ति दिलाने की लिए डाली जाने वाली मिट्टी-गिट्टी से सूखने के बाद धूल उड़ती है. इससे लोग परेशान हैं. यही नहीं यह खराब सड़क आए दिन दुर्घटनाओं का सबब भी बन रही है. कई बार हादसों में बाइक चालकों को गंभीर चोटें भी आई हैं.
राहगीरों ने बताया कि सड़क का अर्ध निर्माण कर छोड़ दिए जाने से धूल को नियंत्रण के लिए विभाग की तरफ से ध्यान नहीं दिया जा रहा है, जिसके कारण लोगों का जीना मुहाल हो गया है. सड़क निर्माण के दौरान संवेदक द्वारा इस में लापरवाही बरती जा रही है. जबकि प्रखंड मुख्यालय के सड़क किनारे में कई होटलें, इलेक्ट्रॉनिक्स की दुकान, फल और सब्जी विक्रेता, किराना, कपड़ा व्यवसाई हैं. धूल उड़ने से सभी की दुकानें का माल खराब हो रहा है. इससे उन्हें आर्थिक हानि हो रही है.
वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र प्रभारी डॉ ललन कुमार ने बताया कि धूल से एलर्जी के मरीज बढ़े हैं. सड़क पर उड़ रही धूल से हर दिन 10 से 12 सांस व आंखों के मरीज इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं उन्होंने बताया कि सड़क पर उड़ने वाली धूल की वजह से आंखों की रोशनी तक जा सकती है. इसलिए समस्या होने पर तुरंत डॉक्टर की सलाह लें.
Reviewed by मधेपुरा टाइम्स
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November 01, 2020
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